Exclusive- केरोसिन घोटाले की जांच में घिरे एसडीएम और खाद्य विभाग, पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने की थी सीएम से जांच में लीपापोती की शिकायत, सीएम के निर्देश पर पुलिस ने शुरू की दोबारा जांच, हुआ बयान

मामला खेरूद पंचायत का, मनौद पंचायत में गड़बड़ी पर हुआ था सरपंच सचिव के खिलाफ एफआइआर, यहां अफसरों ने जिम्मेदारों को बचा लिया इस पर उठाया है राजेंद्र राय ने सवाल

बालोद/ गुण्डरदेही। गुण्डरदेही ब्लॉक के ग्राम खेरुद पंचायत में पिछले महीने अप्रैल 2020 को सरकारी राशन दुकान में केरोसिन वितरण में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। यहां पर ग्राहकों से अधिक रेट पर केरोसिन के बदले पैसा लिया जा रहा था। इस बात के उजागर होने के बाद खाद्य विभाग ने जांच की तो वहीं एसडीएम प्रियंका वर्मा ने भी टीम भेजकर जांच करवाई लेकिन जांच में औपचारिकता निभा कर सोसायटी चलाने वाली समूह को निलंबित किया गया तो विक्रेता पर ही कार्रवाई हुई। जबकि इस तरह सोसाइटी संचालन का कार्य पंचायत की निगरानी में ही होता है। पंचायत की इसमें बराबर की भागीदारी होती है।

पूर्व विधायक राय ने सीएम से की है मामले की शिकायत

ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों को मामले में बख्शे जाने को लेकर पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की थी। उन्होंने मामले में एसडीएम और खाद्य अधिकारी पर भी जांच में लीपापोती का आरोप लगाया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश जारी कर पुलिस में भी मामला दर्ज करने की बात कही है। जिसके बाद मामले में नए सिरे से जांच शुरू हो गई है। गुण्डरदेही पुलिस ने पूर्व विधायक राजेंद्र राय को मामले में शिकायतकर्ता होने के कारण बयान के लिए थाने बुलाया। जहां उन्होंने लगभग 2 घंटे तक पूरे मामले की सबूत सहित बयान पेश किया। इन आधारों पर अब पुलिस सरपंच, सचिव के खिलाफ भी मामला दर्ज कर सकती है।

क्या कहना है टीआई रोहित मालेकर का

इधर मामले में गुण्डरदेही के थाना प्रभारी रोहित मालेकर का कहना है कि मामले में पूर्व में खाद्य विभाग व एसडीएम ने भी जांच करवाई थी। अब नए सिरे से जांच को लेकर आदेश आया है। शिकायतकर्ता पूर्व विधायक राजेंद्र जी हैं इसलिए उन्हें बयान लेने के लिए बुलाया गया था। मामले की दोबारा जांच कर रहे हैं। अगर मामले में कोई दोषी है और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है तो हम पुलिस प्रशासन के तहत विधिवत आगे की कार्रवाई करेंगे।

मनौद में सरपंच सचिव को जेल तक जाना पड़ा था

पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने इस पूरे मामले में प्रशासन के अफसरों में एसडीएम व फूड इंस्पेक्टर खाद्य विभाग को घेरते हुए कार्रवाई में भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने बालोद ब्लॉक के मनौद पंचायत का उदाहरण देते हुए कहा है कि वहां जब इस तरह से गड़बड़ी सामने आई थी तो समूह को तो हटाया ही गया था विक्रेता पर कार्रवाई हुई साथ ही सरपंच सचिव के खिलाफ भी 420 का केस दर्ज हुआ था। जिसमें उन्हें जेल तक जाना पड़ा था। पूर्व विधायक राजेंद्र ने कहा कि मनौद सोसाइटी में सरपंच और सचिव द्वारा प्रति लीटर मिट्टी तेल 37.10 रुपये के स्थान पर ₹40 प्रति लीटर वसूल किया जा रहा था। जिसमें खाद्य अधिकारी, एसडीएम व अन्य अधिकारियों ने मामला प्रमाण सहित सही पाया गया, जिसके बाद संयुक्त टीम द्वारा लिखित शिकायत कलेक्टर बालोद को दी गई। जिस पर कलेक्टर ने धारा 420 भारतीय दंड विधान व आवश्यक वस्तु नियम के तहत कार्रवाई कर सरपंच सचिव को जेल का रास्ता दिखाया था।

ग्राम पंचायत खेरुद में इसी तरह की गड़बड़ी होने के बाद भी जांच दल के अधिकारी असल आरोपियों को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं और मामले को दबाया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने 21 अप्रैल को भी तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू से चर्चा की थी तब कलेक्टर ने कहा था कि उनके पास फाइल अभी आई नहीं है। पूर्व विधायक राय ने कहा अब तक मामले में गंभीरता से कार्रवाई नहीं हुई है। इससे ग्रामीणों में भी आक्रोश है तो शासन प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।