बड़ी खबर- दिनदहाड़े युवक की हत्या करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, 200 रुपये के मोबाइल रिचार्ज को लेकर हुआ था विवाद

घनश्याम साव, डोंगरगांव। नगर से लगे ग्राम कोहका में दिनदहाड़े 43 वर्षीय प्रेम मेश्राम के हत्या की गुत्थी को पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही सुलझा लिया है। साथ ही इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों मृतक के ग्राम कोहका के ही निवासी हैं, इनमें से एक नाबालिग है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में जो मामला सामने आया है वह काफी चौंकाने वाला है। मात्र 200 रू. के मोबाईल रिचार्ज को लेकर उपजे विवाद के बाद दोनों आरोपियों ने तैश में आकर प्रेम मेश्राम की हत्या कर दी थी।

क्या था मामला

प्रेम मेश्राम मृतक, जिसकी हत्या हुई


30 जुलाई को ग्राम कोहका निवासी प्रेम मेश्राम पिता उमेंद राम की डोंगरगांव से अपने गांव लौटते वक्त गांव से मात्र 60 – 70 कदम पहले स्थित पुलिया में किसी ने हत्या कर दी थी। मृतक का दुपहिया वाहन पुलिया में टिका हुआ था, जबकि मृतक का शव पुलिया के नीचे गिरा हुआ था। पुलिस को सूचना के बाद घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने उक्त मामले को जल्दी सुलझा लिया।

कुरूद से हुए गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि घटना के समय मौके पर संदेही मुकेश वैष्णव तथा एक नाबालिग को मृतक के साथ देखा गया था। जिसके बाद संदेह के आधार पर दोनों की पतासाजी की गई तो दोनों गांव से नदारद मिले। इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी मुकेश वैष्णव आ. ओमकार वैष्णव 26 वर्ष को विधि से संघर्षरत बालक के साथ कुरूद जिला दुर्ग में घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। आरोपियों ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि 200 रूपये के मोबाईल रिचार्ज की बात को लेकर तीनों में विवाद हुआ। वाद विवाद के दौरान मृतक द्वारा मारपीट करने पर दोनों ने एकराय होकर प्रेमलाल मेश्राम के सिर पर पत्थर से वार किये, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद उन्होनें रास्ता सूनसान देखकर मृतक के शव को पुल के नीचे फेंक दिये तथा वहां से मोटर सायकल से भाग गये।
बाइक सहित पत्थर जब्त
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर घटनास्थल से भागने में उपयोग की गई मोटरसाइकिल तथा हत्या में प्रयुक्त पत्थर को जब्त किया गया है। संपूर्ण मामले को सुलझाने में एसडीओपी घनश्याम कामड़े के निर्देशन में थाना प्रभारी केपी मरकाम, सायबर सेल के प्रधान आरक्षक बसंतराव, आरक्षक प्रवीण मेश्राम, मनीष मानिकपुरी, राकेश ध्रुव, सहायक उपनिरीक्षक मेघनाथ सिन्हा, गोवर्धन देशमुख, प्रधान आरक्षक मोहन चंदेल, जय सोनवानी, आरक्षक योगेश साहू, राणा प्रसन्ना, जामेन्द्र वर्मा की भूमिका रही।