गोधन न्याय योजना- बालोद में 4656 पशुपालकों ने अब तक बेचे 2752.63 क्विंटल गोबर महिलाएं सिख रही वर्मी कंपोस्ट बनाना, विभाग दे रही ट्रेनिंग

बालोद। गोधन न्याय योजना पर लगातार काम चल रहा है। जहां लोग इस योजना के तहत दिलचस्पी दिखाते हुए रोज सुबह गोबर बेचने के लिए गौठान पहुंच रहे हैं तो वहीं इन गौठानो कार्यरत स्व सहायता समूह को गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। कृषि विभाग के माध्यम से यह ट्रेनिंग अलग-अलग स्थानों में स्व सहायता समूह की महिलाओं को दिया जा रहा है। कृषि उपसंचालक नागेश्वर पांडे ने बताया कि अब तक 4656 पशुपालकों से 2752. 63 क्विंटल गोबर की खरीदी हो गई है। जिले में वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। जिससे कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। वहीं जिले वासियों को उच्च गुणवत्ता के अनाज, दाल, तिलहन, फल, सब्जी की उपलब्धता होगी किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। इस उद्देश्य से शासन द्वारा गोबर की खरीदी की जा रही है। इससे किसानों में पशुपालन की ओर रुझान बढ़ेगा।
50 जगह हो रहा प्रशिक्षण


टाइम टेबल बनाकर में सुबह 11 से 1:30 बजे व शाम को 3 से 5 बजे के बीच गौठान में वर्मी कंपोस्ट निर्माण हेतु कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, कृषि विभाग से ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पशु विभाग से संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी, उद्यान विभाग से उद्यान विस्तार अधिकारी द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

ये बातें बता रहे प्रशिक्षण में


प्रशिक्षण में गोबर से वर्मी कंपोस्ट निर्माण एवं वर्मी कल्चर उत्पादन, वर्मी कंपोस्ट की पैकेजिंग, भंडारण एवं गोधन न्याय योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। बालोद ब्लॉक में चरोटा व अन्य 9 गौठान, गुरुर के गौठान डढारी, डौंडी के भैसबोड , डौंडी लोहारा के मनकी सा, गुण्डरदेही के देवगहन व अन्य 9 गौठानो के समूह के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित है। प्रशिक्षण में जिले के उपसंचालक कृषि, पशुधन विभाग, सहायक संचालक उद्यान एवं वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समिति एवं सदस्यों को वर्मी कंपोस्ट निर्माण व वर्मी कल्चर उत्पादन के संबंध में प्रशिक्षित किया जा रहा है।