गोबर भी बन गया आय का जरिया, लोगों में खुशी कैसे हो रही खरीदी, कैसे आएगा गोबर के बदले पैसा, पढ़िए पूरी खबर

बालोद। पिछले दिनों हरेली के दिन से छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना की शुरुआत हुई है। जिसके बाद चिन्हित गौठान में रोजाना गोबर की खरीदी हो रही है। गोबर भी अब लोगों की आय का जरिया बन गया है। हर गौठान में प्रतिदिन 1 क्विंटल से ज्यादा तक गोबर की आवक हो रही है। जिन्हें गौठान के अंतर्गत संचालित स्व सहायता समूह द्वारा कंपोस्ट खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यानी एक गोबर से कई फायदे के तरीके निकाले जा रहे हैं। इसका असर आने वाले दिनों में भी देखने को मिलेगा। गांव में मुनादी भी करवा दी गई है कि गोबर को अब इधर उधर ना फेंके बल्कि उसे गौठान में ले जाकर  बेचे।

लोगों को भी समझ में आ रहा अब गोबर का महत्व


शासन की योजना के बाद से लोगों की मानसिकता भी बदलने लगी है। लोगों को भी अब गोबर से पैसा मिलने के कारण इसका महत्व समझ में आ रहा है और जो पहले इसे ध्यान तक नहीं देते थे वे परिवार भी अब गोबर इकट्ठा करके इसे गौठान में बेचने पहुंच रहे हैं। सुबह 7 से 9 या अधिकतम 10 बजे तक ही गोबर की खरीदी गौठान में हो रही है। खरीदी में पूरी तरह से पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए बकायदा इलेक्ट्रॉनिक तराजू का इंतजाम भी किया गया है। जहां पर प्रत्येक गोपालक से रोज कितना गोबर खरीदा गया उसकी राशि कितनी होती है इसका रिकॉर्ड भी तारीख वार दर्ज किया जा रहा है। ताकि पूरे महीने भर का हिसाब रहे कि किस व्यक्ति ने महीने भर में कितना क्विंटल गोबर समिति को बेचा है।

सीधे खाते में 5 अगस्त को आएगा पैसा
इस योजना के तहत गोबर बेचने वाले गोपालको का पैसा सीधे उनके खाते में जाने वाला है इसमें समिति को नगद भुगतान करने का भी अधिकार नहीं है बल्कि हर गोपालक का खाता नंबर लिया गया है। जिसे शासन द्वारा उनके सीधे खाते में पैसा डाल दिया जाएगा ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका ना हो। प्रारंभिक तौर पर अभी 5 अगस्त को लोगों के खाते में गोबर बेचने के बदले पैसा आएगा। इसकी तैयारी में शासन प्रशासन भी जुटा हुआ है।

क्या बोले सरपंच- लोगों में है रुझान

 पीपरखार की सरपंच मीना रंगारी ने बताया कि प्रतिदिन 1 क्विंटल से ज्यादा की गोबर खरीदी हो जाती है। अभी गिने-चुने परिवार गोबर ला रहे हैं तो वहीं चरवाहे भी गोबर बेच रहे हैं ।धीरे-धीरे लोगों में दिलचस्पी भी बढ़ने लगी है। लिमोरा के सरपंच मनीष गांधी ने कहा कि लोगों में गोबर बिक्री को लेकर भी जागरूकता आने लगी है और धीरे-धीरे गौठान समिति के पास भी गोबर की आवक बढ़ने लगी है। हमारे यहां 6 क्विंटल तक गोबर खरीदी हो जाती है।