पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में बच्चों ने ऑनलाइन जुड़कर किया पौधरोपण
नवाचारी शिक्षक ओमन मार्कण्डेय द्वारा अभिनव पहल
डौंडी। पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यस्मृति में सोमवार को ऑनलाइन पद्धति से जुड़कर विभिन्न ग्रामो के बच्चों ने अपने – अपने घरों के आसपास पौधरोपण कर डॉ. कलाम को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर शिक्षक ओमन मारकंडे ने भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की संक्षिप्त जीवन परिचय से अवगत कराते हुए कहा कि डॉ. सरल व सादगीपूर्ण जीवन जीते थे।
डॉ. कलाम का का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को ग्राम धनुषकोडी तमिलनाडु में हुआ था। प्राथमिक शिक्षा रामेश्वरम में किया, साथ ही अखबार भी बेचा करते थे।
1954 में भैतिकी में स्नातक करने के बाद एमआईटी मद्रास से ऐरोस्पेस टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर 1960 में डीआरडीओ में वैज्ञानिक के रूप में सेवा दी।
1969 में इसरो में पदस्थ होकर इंटीग्रेटेड मिसाइल टेक्नोलॉजी पर कार्य करते हुए अग्नि, त्रिशूल, नाग, आकाश, पृथ्वी मिसाइल को बनाकर देश को परमाणु शक्ति संपन्न बनाया।
जिसके कारण 1997 में देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से नवाजे गये। 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया।
इस अवसर पर नूतेश, भानुदेवी, चिनिषा, ज्योति, खिलेश्वरी, दीपाली, हिमानी, दयानन्द, रुचि एवं सार्थक ने ऑनलाइन जुड़कर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।