हर्ष हत्याकांड- आखिर कैसे होता है दोस्ती का कत्ल? पढ़िए यह पूरी खबर ताकि ऐसे दोस्तों से रहे आप सतर्क

पुलिस को चकमा देने लाश को कुएं में फेंकी ताकि लगे यह आत्महत्या
ये है नर्राटोला में हुई हर्ष की हत्या की पूरी कहानी

दीपक यादव बालोद। जिले के डौंडी ब्लॉक के ग्राम नर्राटोला में दो दोस्तों ने मिलकर अपने ही एक दोस्त को मौत के घाट उतारा है। यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो अपने दोस्तों पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। अगर आपकी भी किसी के साथ ऐसी दोस्ती है तो यह खबर आपको एक बार जरूर पढ़नी चाहिए ताकि आप कुछ ऐसे दोस्तों से सावधान रह सके जो कभी भी आपके पीठ पीछे छुरा घोंप सकते हैं और आप को मौत की नींद सुला सकते हैं। हर्ष जुर्री निवासी चिखली ने भी कभी यह पहले नहीं सोचा था कि जिन दोस्तों के साथ वह शराब पी रहा है, जिनके लिए वह पैसे लुटा रहा है वहीं उनकी मौत की वजह बन जाएंगे। उनके ही जिगरी दोस्त नागेश्वर कुमार गोटा (24) व भानु प्रकाश गोटा (42) ने मौत के कुएं में ढकेल दिया जहां से हर्ष कभी वापस न आ सका। पुलिस ने हत्या के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेज दिया है।

कहां-कहां गए थे जाम छलकाने, कैसे चंद मिनटों में दोस्ती का हुआ कत्ल
एएसपी डीआर पोर्ते ने मामले का खुलासा करते बताया कि मृतक हर्ष कुमार के साथ दोनों आरोपी 19 जून की सुबह को 10 बजे बाइक में पहले दल्ली राजहरा शराब दुकान गए थे। जहां तीनों ने शराब खरीदी और ग्राम नर्राटोला के आस पास आकर शराब पिए । उसके बाद तीनों डौंडी आए। मृतक हर्ष कुमार ने टोपी खरीदी। उसके बाद डौंडी देसी शराब भट्टी में जाकर फिर से शराब ख़रीदे। इसके बाद शाम 5 बजे के आसपास नर्राटोला के हवाई पट्टी के पास बने हुए कुए के चबूतरे में बैठकर तीनों शराब पीने लगे। तीनों नशे में मौज मस्ती भी कर रहे थे। इस बीच बातचीत के दौरान शराब पीने व पैसे खर्च करने की बात को लेकर मृतक हर्ष कुमार जुर्री के साथ विवाद हो गया। इसी गुस्से में आकर नागेश्वर गोटा ने मृतक हर्ष कुमार के गले को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा। हर्ष कुमार को छटपटाते देखकर आरोपियों ने हर्ष के गमछे को खींचकर उसके गले को कस दिया। जिससे हर्ष कुमार ने दम तोड़ दिया।
मैं ही पैसा खर्च कर रहा हूं कहने लगा तो शुरू हो गया विवाद
शराब सेवन के दौरान दो बार शराब पी लेने के बाद भी दोनों आरोपी संतुष्ट नहीं हो रहे थे और नशे में दोनों मृतक हर्ष उर्फ गोपी से कहने लगे कि चलो और शराब पिलाओ। तुम्हारे पास बहुत पैसा है। इस बात पर हर्ष नाराज हो गया और विरोध करने लगा कि मैं ही शराब क्यों पिलाऊंगा , मेरा ही पैसा क्यों खर्च करूं, इस बात पर फिर दोनों आरोपियों ने विवाद शुरू कर दिया और विवाद देखते-देखते इतना बढ़ा कि नशे में दोनों ने दोस्त का कत्ल कर दिया।

फिल्मी अंदाज में आत्महत्या का रूप देने कुएं में फेंकी लाश


आरोपियों ने हत्या करने के बाद मामले को आत्महत्या का रूप देने के लिए फिल्मी तरीका भी अपनाया । बकायदा उसकी हत्या करके लाश को उसी कुएं में फेंक दी जहां पर तीनों बैठकर शराब पी रहे थे और सब अपने अपने घर चले गए मानो कुछ हुआ ही ना हो।

पुलिस पहले मान रही थी आत्महत्या, फोटो देखकर स्पेशल टीम के प्रभारी ने कहा यह हत्या है

जब लाश मिली तो डौंडी पुलिस पहले तो इसे आत्महत्या मान कर ही चल रही थी। परिजन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे थे कि किसी ने उनके बेटे की हत्या की होगी। अंदाजा यहीं लगाया जा रहा था कि उसने आत्महत्या की होगी या फिर शराब के नशे में खुद कुएं में गिरा होगा लेकिन जब फोटो में स्पेशल टीम के प्रभारी टीआई कुमार गौरव साहू ने लाश की स्थिति देखी तो मृतक का जीभ निकला हुआ देखकर उन्हें संदेह हो गया कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। किसी ने उसकी गला घोट कर लाश कुएं में फेंकी है। पीएम रिपोर्ट में भी कुछ क्लू मिले जिससे इसकी पुष्टि हो गई कि हर्ष ने आत्महत्या नहीं बल्कि उसकी हत्या की गई है।

एसपी ने गठित की स्पेशल टीम, चंद दिनों में सुलझा मामला


आत्महत्या मानकर जांच कर रही डौंडी पुलिस के लिए चुनौती थी इस केस को कैसे सुलझाए कि जब हत्या की बात सामने आ रही हो। ऐसे में एसपी जितेंद्र सिंह मीणा के मार्गदर्शन व सीएसपी राजहरा अलीम खान के निर्देशन में टीआई कुमार गौरव साहू के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। जिसमें टीआई कुमार गौरव साहू के अलावा प्रधान आरक्षक प्रेम सिंह राजपूत, आरक्षक संदीप यादव, आरक्षक राजेश पांडे, दमन वर्मा को शामिल किया गया। इन सबके अलावा डौंडी थाना प्रभारी अनिल ठाकुर से भी मामले में इनपुट जानकारी निकालने में मदद ली गई। चंद दिनों में ही इस टीम ने कड़ी मेहनत करते हुए इस केस को सुलझा लिया और आत्महत्या के बजाय मामला हत्या का निकल आया।

गांव वालों ने देखा था तीनों को शराब दुकान में

आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस को ज्यादा हाथ पैर भी मारने नहीं पड़े। जब गांव जाकर बारीकी से लोगों से पूछताछ की गई तो किसी ने बताया कि 17 जून को मृतक हर्ष कुमार उक्त दोनों आरोपियों के साथ शराब दुकान में देखे गए थे। जिसके बाद संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और दोनों ने हत्या का राज उगला। पहले तो आरोपी नागेश्वर कुमार गोटा बहाने बनाने लगा कि हमने ऐसा कुछ नहीं किया है लेकिन कड़ाई से पूछताछ में वह भी टूट गया और बताने लगा कि मैंने ही गमछा से अपने दोस्त का गला घोंटा था।

कुमार गौरव ने डेढ़ साल में सुलझाए 10 से ज्यादा हत्या के मामले

स्पेशल टीम प्रभारी टीआई कुमार गौरव साहू


ज्ञात हो कि पूर्व में दल्लीराजहरा के थाना प्रभारी व क्राइम ब्रांच टीम के प्रभारी रहे टीआई कुमार गौरव साहू को ऐसे अनसुलझे केस को सुलझाने के लिए स्पेशल टीम का प्रभारी बनाया जाता है। अपने कार्यकाल में डेढ़ साल में लगभग 10 से ज्यादा हत्या के केस उन्होंने सुलझा लिए हैं। इस विशेष उपलब्धि पर भी एएसपी ने उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा कि अगर इसे आत्महत्या मान कर ही चलते तो हत्या के आरोपी बचे रह जाते और मामला वहीं का वहीं रहता लेकिन कुमार गौरव साहू की बारीकी नजर ने इसे नया मोड़ दे दिया और मामला हत्या का निकल आया और दोनों आरोपी पकड़े गए।