राशन कार्ड, जॉब कार्ड के बाद अब सरकार बांट रही गोबर कार्ड, पढ़िए ये रोचक खबर आखिर कैसे होगा इस कार्ड का इस्तेमाल?

बालोद। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई गोधन न्याय योजना में गोबर खरीदी जारी है। इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए किसानों को अब गोबर कार्ड भी दे दिया गया है। जिसे हितग्राही खाताबुक गोबर क्रय पत्रक नाम दिया गया है। इस कार्ड के अंतर्गत बकायदा पंजीकृत पशु पालक की पूरी जानकारी रहती है।

जिसमें बैंक का नाम, बैंक खाता धारी का नाम, कोड नंबर, पशुपालक की फोटो सहित मवेशियों की संख्या व अन्य जानकारी दर्ज रहती है। इस कार्ड को बकायदा गोधन योजना हेतु गठित समूह के अध्यक्ष द्वारा व नोडल अधिकारी के जरिए जारी किया जा रहा है

रोज पशुपालक जितना गोबर बेच रहे हैं इसकी तारीख वार एंट्री होती है कि कितना क्विंटल बेचा गया। प्रति किलो ₹2 के हिसाब से कुल कितनी राशि होती है और भुगतान कितना हुआ है। बकायदा इसमें पशुपालक का भी हस्ताक्षर लिया जाता है। ये कार्ड उनके पास ही रहता है। राशन कार्ड की तरह इसे डिजाइन किया गया है। ताकि लोग इसमें दिलचस्पी ले और योजना में पूरी तरह से पारदर्शिता बनी रहे।

योजना ने बदल दी है किसानों की दिनचर्या


जगन्नाथपुर के किसान दानी राम देशमुख, सुनील यादव, जीवन साहू,मनोज निर्मलकर, नारायण देशमुख ने कहा कि वे खेती किसानी करते हैं। कभी सोचे नहीं थे कि गोबर भी बेचना पड़ेगा। अब क्योंकि सरकार की योजना है इससे पैसा भी मिलने लगा है तो मैं भी सो कर उठते ही सबसे पहले गोबर बीनने का काम करता हूं। मेरी दिनचर्या ही बदल गई है। रोज सुबह 8 बजे गोबर लेकर चला जाता हूं।

अभी कर रहे इकट्ठा फिर खाद बनाएंगे

जगन्नाथपुर पंचायत सचिव नरेश यादव, सरपंच अरुण साहू ने बताया कि अभी किसानों से गोबर खरीदकर एक जगह इकट्ठा किया जा रहा है। इन्हें पहले खुले गड्ढे में जमा किया जाएगा। फिर इससे खाद बनाने के लिए समूह को दिया जाएगा। किसानों को कहा जा रहा है कि वे ज्यादा से ज्यादा गोबर बेचें। अब गोबर बेचने वाले किसानों की संख्या भी बढ़ने लगी है।