खास खबर- बालोद की बेटी सपना को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक अवॉर्ड, अंतरिक्ष क्लब की स्थापना के साथ इन्होंने छत्तीसगढ़ में कई बाल वैज्ञानिक तैयार किए
दीपक यादव,बालोद। केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों की लिस्ट जारी कर दी गई है। जिसमें इस बार बालोद जिले से तो एक भी शिक्षक नहीं है लेकिन बालोद की रहने वाली बेटी, जो आज दुर्ग जिले में शिक्षक है उन्हें अकेले छत्तीसगढ़ से इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है जो अपने आप में भी गर्व की बात है। हम बात कर रहे हैं दुर्ग के सुभाष नगर की रहने वाली सपना सोनी की। जो वर्तमान में दुर्ग के जेवरा सिरसा हायर सेकेंडरी स्कूल में भौतिक विषय की व्याख्याता है। उनका चयन नेशनल अवार्ड के लिए हो गया है। इस दौड़ में पूरे देश भर के 153 शिक्षक थे। जिसमें से 43 शिक्षकों का चयन हुआ है। एक गर्व की बात यह भी है कि बालोद जिले से भी इस दौड़ में एकमात्र गुंडरदेही ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल कोसा के शिक्षक श्रवण कुमार यादव भी थे। तो वहीं एक अन्य शिक्षक नरोत्तम कुमार साहू शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बठेना, विकासखंड पाटन जिला दुर्ग से थे। छत्तीसगढ़ से उक्त तीनों शिक्षकों का नाम प्रस्तावित था। जिनका प्रेजेंटेशन विगत दिनों हुआ। फिर केंद्र सरकार ने सभी 153 शिक्षकों के प्रेजेंटेशन के बाद उनमें से 47 शिक्षकों को चयनित किया। बता दें कि पिछले सत्र में चितौड प्राइमरी स्कूल से शिक्षक ईश्वरी सिन्हा का इस राष्ट्रीय अवार्ड के लिए चयन हुआ था। जिन्हें राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली में सम्मानित किया था।
बालोद से सपना का ऐसे जुड़ा है रिश्ता
नेशनल अवार्ड के लिए चयनित सपना सोनी ने दैनिक बालोद न्यूज को बताया कि उनके दादा और पिता बालोद में ही रहते थे। उनके दादा जोहन सोनी का मूल गांव ग्राम जगन्नाथपुर है। जहां उनके दादा तीनों भाइयों के साथ रहते थे फिर वहां से वे बालोद शिफ्ट हुए। आज भी इनके दादा परदादा के रिश्तेदार जगन्नाथपुर में रहते हैं। सपना की नवमी तक की पढ़ाई भी बालोद के कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में हुई है। बालोद के योगी चौक के पास उनका आज भी मकान है। अब उनका परिवार दुर्ग में शिफ्ट हो गया है। वर्तमान में वे अपने पति दिनेश के साथ सुभाष नगर दुर्ग में रहते हैं। उनके पति बीएसपी में है। उनके पिता और दादा दोनों का निधन हो चुका है।
इन कार्यों ने दिलाई खास पहचान

सपना सोनी का नेशनल अवार्ड के लिए चयन के पीछे उनकी मेहनत और तकनीक का इस्तेमाल है। उन्होंने अपने स्कूल में अंतरिक्ष विज्ञान क्लब की स्थापना की है। जिसके जरिए वे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाते हैं। हर साल उनके स्कूल से बाल वैज्ञानिक तैयार होते हैं जो जिले से राज्य फिर राज्य से नेशनल लेवल तक भी प्रतिनिधित्व करते आए हैं। और हर बार उन बच्चों को अवार्ड मिला है। इसमें सपना सोनी का एक अहम योगदान होता है। जिन्हें मार्गदर्शक शिक्षक का अवार्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा स्कूल में समुदाय को जोड़कर स्मार्ट क्लास भी शुरू किए हैं। ई कंटेंट पर उनका ज्यादा फोकस है। इसके अलावा और भी कई तकनीकों का सहारा लेते हैं जिसे विज्ञान की पढ़ाई सरल हो सके। उनके एजुकेशन से संबंधित वीडियो शिक्षा विभाग के कई वेबसाइट पर भी अपलोड हैं।