जब घर पर ही विद्यार्थी दिलाएंगे परीक्षा तो मनमानी शुल्क वसूली किस नाम की? सांसद प्रतिनिधि ने किया विरोध, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बालोद। आज शासकीय महाविद्यालय बालोद के सांसद प्रतिनिधि मोरध्वज साहू ने जिले के कलेक्टर जनमेजय महोबे के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री के नाम महाविद्यालयीन स्नातकोत्तर विद्यार्थियों की परीक्षा शुल्क के समस्या के निराकरण के संबंध में ज्ञापन सौंपा। उक्त ज्ञापन में मोरध्वज साहू ने उल्लेख किया कि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातकोत्तर की कक्षाओं एम. ए, एम. एस. सी, एम. कॉम तथा अन्य के परीक्षा की घोषणा कर दी है तथा परीक्षा फार्म भरने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दिया गया है, परन्तु इस इस वर्ष स्नातकोत्तर (PG) के विद्यार्थी अपने घर से ही प्रश्नों का उत्तर लिखकर अपने महाविद्यालय में जमा कर देंगे। ऐसी स्थिति में जब विद्यार्थी अपने घर से ही परीक्षा दिलाएंगे तो क्या उनसे परीक्षा शुल्क के नाम पर 1100- 1300 तक की राशि वसूल करना उचित होगा। विद्यार्थी महाविद्यालय के परीक्षा भवन, टेबल कुर्सी, स्टेशनरी, पानी, वीक्षक, बिजली जैसी सुविधाओं का उपभोग नही कर रहे हैं तो उनसे यह शुल्क लेना बिल्कुल उचित नही होगा। हमे ज्ञात होना चाहिए कि विश्वविद्यालय इन परीक्षा शुल्कों के बदले में विद्यार्थियों को परीक्षा से संबंधित सुविधाएं मुहैय्या कराती है लेकिन आदेश के अनुसार विद्यार्थी अपने घर से ही परीक्षा देंगे अर्थात वे विश्वविद्यालय की सुविधाओं का उपभोग नही करेंगे। आज देश के साथ साथ हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी कोरोना की चपेट में है जिसके चलते महीनों राज्य को पूर्ण रूपेण बंद रखा गया, सारे व्यवसाय बंद रखे गए जिससे मध्यम एवं निम्न वर्गीय परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है तथा हमारे जिले के समस्त महाविद्यालयों में अधिकांश विद्यार्थी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोग हैं, आदिवासी अंचल के हैं जिनका परिवार मेहनत मजदूरी करके अपना भरण पोषण करते हैं, तो इस समय उच्च शिक्षा हेतु अनावश्यक परीक्षा शुल्क वसूल करना गरीब विद्यार्थियों को परेशान करने जैसा होगा। मोरध्वज ने छत्तीसगढ़ शासन एवं उच्च शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि परीक्षा शुल्क को कम से कम करने हेतु पुनः विचार करें तथा समस्या की गंभीरता को समझते हुए जल्द निराकरण करें। उनके इस मांग पत्र पर कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि इस संबंध में उच्च शिक्षा सचिव से पत्राचार करेंगे और इस समस्या का हल निकालने का प्रयास करेंगे।