तटबंध बनने से पहले ही पडऩे लगी दरारें?सवा दो करोड़ को पानी में बहाने की जुगत में विभाग और ठेकेदार

ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य को लंबे समय से बंद रखा है

दैनिक बालोद न्यूज/ घनश्याम साव।डोंगरगांव। जिले के प्रसिद्ध मोक्ष धाम के नाम से जाने वाले डोंगरगांव के समीपस्थ सांकरदाहरा एनीकट में जल संसाधन विभाग द्वारा कराए जा रहे तटबंध के निर्माण में भ्रष्टाचार की पोल फिर खुलने लगी है। तटबंध निर्माण का कार्य अभी पूरा भी नहीं हो पाया है और बनने से पहले ही उसमें जगह जगह दरारें पडऩे लगी हैं। इससे कार्य में गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
ज्ञात हो कि जल संसाधन विभाग राजनांदगांव द्वारा सांकरदाहरा एनीकट में तटबंध का निर्माण कार्य मार्च 2023 से शुरू कराया गया है। इसके लिए दो करोड़ 26 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली हुई है। इस काम का ठेका दुर्ग के ठेकेदार सीपी सिंह को मिला हुआ है, लेकिन उसके द्वारा पेटी ठेकेदार से काम कराया जा रहा है। दैनिक भास्कर ने मार्च 2023 में इस मामले को लेकर समाचार का प्रकाशन कर चुका है। इसके बावजूद न तो सिंचाई विभाग के अफसर ध्यान दे रहे हैं और न ही जिला प्रशासन के जिम्मेदार अफसर। यही वजह है कि शासन के करोड़ों रूपयों का खुलेआम दुरूपयोग किया जा रहा है।
दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर देखा कि तटबंध के निर्माण के लिए बीम बिछाने का काम करने के बाद छोड़ दिया गया है। बीम यानि तटबंध की दीवाल के जो सपोर्टिंग कालमनुमा बीम दिया जा रहा है, उसमें सीमेंट, कांक्रीट की मिक्सिंग सही मात्रा में नहीं होने के कारण अभी से दरारें पडऩे लगी हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता इस कार्य की गुणवत्ता कैसी है? साथ ही यह भी सवाल उठने लगा है कि इस काम की देखरेख करने वाली सिंचाई विभाग की उपयंत्री चंद्रकिरण रामटेके को आखिर यह सब गड़बडिय़ां नजर क्यों नहीं आ रही है? कहा जा रहा है कि ठेकेदार से साठगांठ के चलते ही इस काम को अंजाम दिया जा रहा है, इसलिए ठेकेदार अपनी मर्जी से जैसा चाहे काम करा रहा है। गुणवत्ता जाए भाड़ में? अब देखने वाली बात होगी कि खबर प्रकाशन के बाद इस मामले विभागीय अफसर ठेकेदार पर क्या एक्शन लेते हैं?

कार्य स्थल पर सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया

दैनिक भास्कर की टीम ने गत दिनों मौके पर पहुंचकर पूरे मामले को समझने का प्रयास किया, जिस पर पता चला कि पांच-छह साल पहले शिवनाथ नदी में बाढ़ आने के कारण सांकरदाहरा एनीकट के पास नदी का एक किनारे का हिस्सा पूरी तरह ढह गया था और किनारे में कटाव होने के कारण काफी बड़े क्षेत्र की मिट्टी बाढ़ में बह गई थी। उसी गड्ढे के भराव और तटबंध के निर्माण हेतु शासन द्वारा दो करोड़ 26 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। इस काम का ठेका सिंचाई विभाग के माध्यम से दुर्ग के किसी सीपी सिंह को दिया गया है, किंतु उसके द्वारा इस काम को किसी अन्य को पेटी में देने की बात सामने आई है।

ठेकेदार पर ग्रामीणों ने लगाए थे रेत चोरी के आरोप

ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा गर्मी के दिनों में मंदिर समिति के जर्जर विश्राम गृह के पास बड़ी मात्रा में अच्छी क्वालिटी की रेत को डंप करके रखा गया गया, जिसे रातोंरात दूसरे लोगों को बेचकर लाखों रूपए की अवैध कमाई भी कर ली गई। इस बारे में ग्रामीणों ने खुलासा किया था कि ठेकेदार के लोगोंं के द्वारा एनीकट से रेत को निकालकर डंप कराकर रखा जाता है। फिर रात में दूसरे लोगों को हाईवा वाहन से रेत की सप्लाई कराई जाती है। जबकि उस दौरान एनीकट के तटबंध निर्माण कार्य के लिए जेसीबी लगाकर सिर्फ लेबल लगाने का काम किया जा रहा था। रेत और सीमेंट काम शुरू नहीं हो पाया था। इसके बावजूद बिना जरूरत के समय से पहले रेत को निकालकर डंप कर दूसरे लोगों को बेचा गया। दिलचस्प बात यह रही कि रेत निकालने के लिए न तो मंदिर समिति से अनुमति ली गई है और ना ही ग्राम पंचायत से। इस तरह ठेकेदार के लोगों के द्वारा मनमर्जी से काम को अंजाम दिया गया था

एनीकट के गेट खुलवाकर कर चुके हैं रेत चोरी

विगत वर्ष गर्मी के दिनों में सांकरादाहरा एनीकट के पानी को खाली कराकर रेत चोरी भी की गई थी। इस मामले में यह बात खुलकर सामने आई थी कि सिंचाई विभाग की एक प्रभारी महिला उपयंत्री की मिलीभगत से ही एनीकट के सारे गेट को भर्री गर्मी में खुलवाकर नदी को सूखा कर दिया गया था, ताकि एनीकट से आसानी से रेत उत्खनन किया जा सके। दिलचस्प बात यह रही कि भीषण गर्मी के दिनों में एनीकट के पानी को छोडऩे के लिए उपयंत्री और ठेकेदार द्वारा न तो उच्चाधिकारियों से अनुमति ली गई और न ही मंदिर समिति व ग्राम पंचायत को विश्वास में लिया गया। इस तरह साठगांठ के चलते एनीकट के पानी को ही पूरा खाली करा दिया गया, जिसका खामियाजा मंदिर समिति सहित वहां आने-जाने वाले लोगों को भुगतना पड़ा था। इसके साथ ही खनिज विभाग को भी राजस्व का चूना लग रहा है।
वर्तमान में ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य को लंबे समय से अधूरा छोड़ कर कार्य को बंद कर दिया है
साकरदाहरा समिति और क्षेत्र के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से वर्तमान में चल रहे कार्य की जांच कर गुणवत्ता के साथ कार्य कराने का अनुरोध किया है।

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