आज साल का पहला सूर्य ग्रहण, भारत में दिखेगा कि नहीं?? कितना बजे लगेगा सूर्य ग्रहण व कितना बजे हटेंगे ग्रहण?? पढ़ें
दैनिक बालोद न्यूज/डेस्क।29 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार, दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगा और शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा. इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की रहने वाली है।
29 मार्च दिन शनिवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण मीन राशि उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा. संयोगवश इस दिन न्यायदेव शनि का गोचर होगा. फिर अगले यानी 30 मार्च को चैत्र नवरात्र प्रारंभ होंगे. इसिलए भारतीयों के लिहाज से इस सूर्य ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण समझा जा रहा है. आइए जानते हैं कि भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण कितने बजे लगेगा और भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं।
कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण?
29 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार, दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगा और शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा. इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की रहने वाली है.
क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण?
नहीं, साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इस सूर्य ग्रहण का भारत में रहने वाले लोगों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कहां कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
29 मार्च को लगने वाला सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, आंशिक उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर में दिखाई देने वाला है. इसलिए ग्रहण का प्रभाव इन्हीं जगहों पर ज्यादा दिखाई देगा. भारत में रहने वाले लोग नासा द्वारा की जाने वाली लाइव स्ट्रीम के जरिए इसका नजारा देख सकेंगे.
क्या नग्न आंखों से देख सकते हैं सूर्य ग्रहण?
खगोलविदों का कहना है कि सूर्य ग्रहण कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, क्योंकि इससे निकलने वाली हानिकारक किरणों से आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है. सूर्य ग्रहण देखने के लिए विशेष प्रकार के चश्मे या फिल्टर का प्रयोग करें.
क्या भारत में सूतक काल मान्य होगा
सामान्यतः भारत में सूर्य ग्रहण दिखने पर 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. इस काल में बहुत सारी सावधानियों का पालन भी करना पड़ता है. इसमें न तो पूजा-पाठ होती है और न ही भगवान की प्रतिमा का स्पर्श किया जाता है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं है. इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है।
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने लगती है, तब सूर्य ग्रहण लगता है. जहां ये छाया पड़ती है, वहां या तो सूर्य दिखाई नहीं देता या फिर सूर्य का बड़ा हिस्सा काला दिखाई देने लगता है. इसी खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
सूर्य ग्रहण की धार्मिक मान्यता
पुराणों के अनुसार, पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण समुद्र मंथन के वक्त लगा था. रामायण के अरण्य कांड में भी सूर्य ग्रहण का उल्लेख है. ऐसा कहा जाता है कि उस दिन भगवान राम ने खर-दूषण का वध किया था. महाभारत काल में जिस दिन पांडव जुए में हारे, उस दिन भी सूर्य ग्रहण था. महाभारत युद्ध के 14वें दिन जब अर्जुन ने जयद्रथ का वध किया था, तब भी सूर्य ग्रहण था. कृष्ण की नगरी द्वारका जब डूबी थी, तब भी सूर्य ग्रहण लगा था।