22 जनवरी को एक बार पुरे भारतवर्ष में दीवाली मनाएंगे इसके लिए डोंगरगांव के कुम्हार परिवार जोर शोर से लगे हैं तैयारी में
देवेन्द्र कुंभकार लगभग 50 हजार दीपक बना रहे हैं
दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।पुरे भारत वर्ष में 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं आखिर इंतजार क्यों न हो क्योंकि अयोध्या में भगवान राम लला के लिए नव निर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा जो होने जा रहे है जिसकी तैयारी पुरे भारत के हिन्दू अपने आप में गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और 22 जनवरी को प्रत्येक नागरिक एक बार फिर से दिवाली की तरह घर में दीप प्रज्ज्वलित कर जगमग करेंगे । दीवाली की तरह बाजार में अभी से रौनकता आने लगें फिर से कुम्हार के घर खुशियां आ रहें हैं सभी कुम्हार दीवाली पर जिस तरह दीपक मटकी बनाने में व्यस्त रहते हैं वैसे ही इस बार सभी कुम्हार फिर से व्यस्त हैं गांव से लेकर नगर नगर से लेकर शहर के बाजार में दीपक की मांग अनुरूप दीया बना रहे हैं। वहीं डोंगरगांव नगर में भी दीया की भारी मांग है अनेक चौक चौराहों पर व अनेकों मंदिर प्रांगण में दीप जलाएंगे जिसके लिए देवेंद्र कुंभकार को आर्डर मिला है लगभग पचास हजार दीपक बना रहे हैं इसके लिए स्व उमराव कुंभकार की धर्मपत्नी सोनिया कुंभकार सहित उनके परिवार के सोनऊ कुंभकार लीला कुंभकार गजेंद्र कुंभकार योगिता कुंभकार गजेंद्र कुंभकार पूरा परिवार सुबह-शाम कढ़ी मेहनत कर रहे हैं।
देवेंद्र कुम्भकार दीया के साथ साथ अनेकों मिट्टी के साज के समाग्री बनाते हैं
ऐसे कुम्हार के हाथों में वो जादू रहता है वो मिट्टी को चाक में रखकर जिस रूप में ढाले उसी रूप में ढल जाता है ऐसे देवेन्द्र कुम्भकार के परिवार नाम के मोहताज नहीं है देवेंद्र के पिता सोनऊ कुम्भकार माटी कला बोर्ड के सदस्य हैं वो इनके कलाकृति पुरे छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों के व्यापारी बनवाकर ले जाते है और बाजार में बेचते हैं। मुसलमान शादी में भी दहेज के रूप में देने वाले मिट्टी के बर्तन भी बनाते हैं इसके साथ ही अनेकों रुप से खिलौने, कछुआ घंटी कंडील,मटकी,बैल गाड़ी थर्मस कुल्हड़ आर्टिस्ट नारियल झूमर लोटा शिवलिंग हाथी घोड़ा गुलदस्ता इत्यादि सहित अनेकों प्रकार के कलाकृति बनाते हैं इसके कलाकृति मंत्र मुग्ध कर देता है।