खुले झोपड़ी में सो रही महिला को सांप ने डसा महिला की मौत झोपड़ी में रहने वाली मरकाम परिवार की आज तक आधार कार्ड और ना राशन कार्ड बन सका है दर दर भटक रहे हैं परिवार

कलेक्टर की जन चौपाल में कई बार गुहार लगा चुके हैं वहीं कुछ समय पहले महिला के बच्चे की रोड़ एक्सीडेंट में हो चुकी है मौत

दैनिक बालोद न्यूज/ घनश्याम साव/डोंगरगांव। ब्लॉक से 15 किलोमीटर ग्राम बुद्धू भरदा गांव में पिछले 20 वर्ष से खाली भाटा जमीन पर  बिना मकान के खुला आसमान के नीचे एक छोटे से झोपड़ी में जिंदगी बीतते बीतते थक गई घटना 31 सितंबर को 3:00 बजे रात्रि में एक जहरीला सांप के डसने से काल के गाल में समा गए । घटना के बाद मरकाम परिवार ने उक्त महिला की पोस्टमार्टम करा कर वापस गांव में आकर अंतिम संस्कार किया गया ।

आधार कार्ड व राशन कार्ड नहीं बनने से दर दर भटक रहे हैं परिवार

इस मरकाम परिवार की महिला लंबे समय से शासन प्रशासन के कई बार गुहार लगाते लगाते जिंदगी से ही अलविदा हो गई। परंतु शासन प्रशासन के अलावा स्थानीय प्रशासन भी इस परिवार को कोई भी सुविधा प्रदान नहीं किया गया है मरकाम परिवार में पिछले साल उसके लगभग 5 वर्ष के बालक एवं सात माह के बच्च को रोड एक्सीडेंट से मौत हो गई थी। लेकिन आज तक उनका शासन द्वारा मुआवजा राशि नहीं मिली मुआवजा के लिए भी दर दर भटकना पड़ा कारण सिर्फ और सिर्फ परिवार के पास आधार कार्ड और ना राशन कार्ड नहीं है। सरकार भले ही बड़े-बड़े वाहवाही लूटने वाली बात करती है यहां तक की हर आम आदमी का अधिकार है–आधार कार्ड लेकिन इस झोपड़नुमा की जिंदगी बचाने वाले परिवार की जिला प्रशासन के जन–चौपाल में जाने के बाद भी अब तक कोई सुध नहीं ली है ।

जानकारी के अनुसार बुद्धू भरदा की झोपड़ी में रहने वाली पूर्णिमा 35 वर्ष पति जोगिंदर मरकाम की पत्नी को झोपड़ी में 31 सितंबर को रात 3:00 बजे जमीन पर सोते समय जहरीले सांप के डसने से मौत हो गई है जोगिंदर को अपने परिवार के बच्चों एवं पत्नी का बिछड़ना बहुत दुख और झटका लगा हैं झोपड़ी में लंबे समय से रहने के बाद भी यहां से लाइट की सुविधा नहीं मिली थी इस वजह से जोगिंदर मरकाम की पत्नी पूर्णिमा मरकाम की मौत हो गई। अब जोगिंदर मरकाम के पास अपने पत्नी की अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं है पत्नी की अंतिम संस्कार के लिए जोगिंदर मरकाम ने शासन से मदद की गुहार लगा रहे है। जानकारी के अनुसार मृत महिला पूर्णिमा मरकाम की अंतिम संस्कार में 4 से 5 लोग ही उपस्थित थे मरकाम परिवार के सभी लोगों की आधार कार्ड एवं राशन कार्ड बनाने के लिए शासन प्रशासन से चक्कर काटते काटते उनके परिवार पर कई विपत्ति आ गई परंतु इनका आधार कार्ड और राशन कार्ड अब तक नहीं बन पाया है।

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