अवैध प्लाटिंग की जांच हेतु पहुंचा राजस्व अमला तहसीलदार ने टूटे मंच और सरकारी भूमि पर बन रहे सडक़ को देखा

सूचना के अभाव में नहीं पहुंच पाये ग्रामीण

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।समीपस्थ ग्राम बगदई में अवैध प्लाटिंग और शासकीय भूमि पर 25 फुट की सडक़ निकाले जाने का समाचार प्रकाशित होते ही आज राजस्व अमला हरकत में आया और मौके पर पहुंचकर जांच की। राजस्व अमले ने कृषि भूमि में अवैध प्लाटिंग के उद्देश्य से बनाये गये रैम्प का निरीक्षण करने के साथ ही सरकारी भूमि में बने लाखों रूपये के मंच को सडक़ बनाये जाने के लिए तोड़े जाने का भी प्रतिवेदन तैयार किया है। लेकिन निरीक्षण के दौरान न तो पंचायत प्रतिनिधियों को मौके पर बुलाया गया, न ही ग्रामीणों को बुलाया गया। जिससे यह जांच भी संदेह के दायरे में है।

 बगदई में अवैध प्लाटिंग का खेल सरकारी मंच तोडक़र निकाल दी सडक़ 

अपने फायदे के लिए लिए डोंगरगांव के एक व्यक्ति द्वारा कुछ लोगो के साथ मिलकर सरकारी भूमि को कब्जाये जाने का समाचार प्रकाशित किया था। साथ ही जेसीबी चलाकर वहां पर लगभग 25 फीट का सडक़ भी बनाया जा रहा था। इसकी भनक लगने के बाद मौके पर विरोध में उतरे पंचायत प्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों की बातों को प्रकाशित करने के बाद आज प्रशासन हरकत में आया।


आज तहसीलदार कोमल सिंह ध्रुव राजस्व अमले के साथ मौके पर पहुंचे

और स्थल निरीक्षण पश्चात् अवैध प्लाटिंग होना पाया, जिसका पंचनामा भी तैयार किया गया। उन्होनें बताया कि जिस कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग किया गया है, वह वर्तमान में कुलेश्वर आ. मनराखन निवासी ग्राम कोनारी के नाम पर भू अभिलेख में दर्ज है। अभी उसका बिक्रीनामा नहीं हुआ है और न ही किसी अन्य व्यक्ति के नाम से रजिस्ट्री हुई है। तहसीलदार श्री धु्रव ने बताया कि वे पूरे मामले पर बारिकी से नजर रखे हुये हैं और मौके पर जांच के लिए वे ग्राम कोटवार, हल्का पटवारी के साथ पहुंचे थे।


तहसीलदार श्री ध्रुव से जब यह पूछा गया कि

जांच के समय पंचायत प्रतिनिधियों या ग्रामीणों को नहीं बुलाया गया था क्या, तो उन्होनें स्वीकार किया कि हां, गांव वालों को सूचना नहीं दी गई थी।
बहरहाल, यह मामला दिनोंदिन तूल पकड़ते जा रहा है और ग्राम बगदई में खेल मैदान के एक छोर को सडक़ बनाने के लिए कथित प्लाटिंग करने वाले को डेढ़ लाख रूपये में बेचे जाने का मुद्दा कुछ लोगों की गले की फांस बन गया है। इस मामले को लेकर अब गांव में दबाव की राजनीति भी चालू हो गई है और कुछ लोगों द्वारा ग्रामीणों को डराने धमकाने की शिकायत भी मिली है।

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