सत्संग के माध्यम से अथाह ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं – बाबा बालक दास

दैनिक बालोद न्यूज/सत्संग दो शब्दों सत् और संग से मिलकर बना है। सत् का अर्थ सत्य है और संग का अर्थ जहां एक से अधिक लोग परस्पर मिलकर बैठे व सत्य ज्ञान से युक्त विचारों को सुनें। इस प्रकार से सत्य विचार व सत्य चर्चा जहां हो वहां उपस्थित होना व उस चर्चा को सुन कर अपने विवेक से, समझना और उसकी परीक्षा कर सत्य को ग्रहण करना सत्संग कहलाता है।
पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास के द्वारा हमें इस तरह के सत्संग का लाभ उनके ऑनलाइन सत्संग ग्रुप सीता रसोई संचालन ग्रुप में प्राप्त हो पा रहा है जिसमें सभी भक्तगण जिज्ञासु भक्त एवं छोटे छोटे नन्हे बच्चों सहित देश प्रांत से लोग जुड़ रहे हैं एवं इस अद्भुत सत्संग से अथाह ज्ञान को प्राप्त कर रहे हैं।


इस ऑनलाइन सत्संग में, ईश्वर, जीवात्मा और प्रकृति, इन तीनों की चर्चा करना और इनके सत्यस्वरूप का ज्ञान प्राप्त कर

सत्संगी भाई बहन अपना उद्धार कर रहे हैं प्रतिदिन बाबा के द्वारा नवीन विषयो पर चर्चा की जाती है, बाबा द्वारा धार्मिक, तत्वज्ञान से लेकर व्यवहारिक से लेकर पारिवारिक विषयांतर्गत ज्ञान का विधिवत विवरण प्रस्तुत किया जाता है , धार्मिक परंपराओं का निर्वहन तो होता ही है साथ ही बाबाजी स्पष्ट रूप से विदित कर आते हैं कि आजकल जो धार्मिक कथायें आदि होती हैं उन्हें सत्संग इसलिये नही कहा जा सकता क्योंकि वहां ईश्वर व जीवात्मा आदि का सत्य ज्ञान मिलने के स्थान पर अज्ञान, अविद्या, कुरीतियां, मिथ्याज्ञान, कुपरम्परायें आदि बताई जाती हैं। श्रोताओं को क्योंकि धर्म की पुस्तकें वेद व धर्मशास्त्र का ज्ञान नहीं होता इसलिए वह चालाक व चतुर तथाकथित धर्माचार्यों के जाल में फंस जाते हैं। अतः सत्संग के यथार्थ स्वरूप को समझ कर स्वविवेक का उपयोग कर उसके अनुरूप ही हमें व्यवहार व उपासना आदि कार्य करने चाहियें।
प्रतिदिन ऑनलाइन ग्रुप में भक्तों के भजनों से ऑनलाइन सत्संग का आनंद आ जाता है, पुरुषोत्तम अग्रवाल, पाठक परदेसी भूषण साहू का पूरा परिवार, सुंदर भक्तों की प्रस्तुति प्रतिदिन करते हैं तो रिचा बहन का मीठा मोती सभी के ज्ञान का केंद्र होते हैं, शिवाली साहू और तनु साहू डुवोवती यादव की रामचरितमानस की चौपाइयां मंत्रमुग्ध कर देती है, और सत्संग का आनंद तब दुगना हो जाता है जब बाबा जी के मधुर भजन श्रोताओं के कानों में गुंजित हो जाते हैं इस प्रकार प्रतिदिन ऑनलाइन सत्संग का आयोजन संत जी के सानिध्य में किया जा रहा है जिसमें सभी भक्तगण जुड़ सकते हैं।

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