बिना जांच के दौड़ रही प्रदुषण फैलाते गाड़ियां,,,

धमतरी। वाहन चालकों पर कार्रवाई नहीं होने से अब वे प्रदूषण जांच कराने सामने नहीं आ रहे हैं । परिवहन विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 75 प्रतिशत वाहन बिना प्रदूषण जांच के सड़कों पर दौड़ रही है। इससे प्रदूषण जांच केंद्र के संचालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिले में 11 प्रदूषण जांच केंद्र संचालित था । इनमें से तीन केंद्र ही वर्तमान में चालू स्थिति मे है। चालकों द्वारा वाहन का जांच कराने नहीं आने से बाकी के संचालकों ने अब नहीं दुकानें बंद कर दी है।


बढ़ते प्रदूषण के ग्राफ को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अनिवार्य रूप से बाइक समेत अन्य वाहनों का प्रदूषण जांच कराना अनिवार्य कर दिया है

इसके बाद भी जिले में इसका पालन नहीं हो रहा है । यहां वाहनों की जांच नहीं होने से प्रदूषण फैला रहे हैं ।प्रदूषण केंद्र के संचालक डीपी शर्मा का कहना है कि वाहन चालक अब प्रदूषण जांच कराने नहीं आ रहे हैं । इससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है । तीन साल में मशीन की लागत भी नहीं निकल पाई है ।उन्होंने मशीन को तीन लाख रुपए में खरीदा था।
प्रदूषण जांच केंद्र के संचालकों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले गिनती के ही लोग अपनी वाहनों का प्रदूषण जांच कराने आ रहे थे, लेकिन पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने से उन्होंने भी जांच कराना बंद कर दिए हैं ।मशीन धूल खा रही है। कमाई नहीं होने से उनका इस व्यवसाय से मोहभंग हो गया है।


इतना है शुल्क


संचालकों ने बताया कि बाइक का प्रदूषण जांच कराने का 40 शुल्क निर्धारित है । तीन पहिया 60 रूपए। इसी तरह भारी वाहनों का 150 शुल्क लिया जाता है ।6 महीना के अंदर दोबारा बाइक का प्रदूषण जांच केंद्र नहीं कराने पर चलाने कार्रवाई करने का प्रधान भी है।