कोरोना का खतरा बढ़ते क्रम पर इधर जो क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं वहां आंगनबाड़ी खोलेंगे, 7 सितंबर से केंद्र खोलने को लेकर जिले में भी तैयारी शुरू
बालोद। स्कूल को लेकर तो अभी सरकार ने कोई छूट नहीं दी है कि इसे कब से खुलेंगे लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र को लेकर एक नया आदेश जारी हो गए हैं। जिसमें कहा गया है कि जो आंगनबाड़ी केंद्र वर्तमान में कंटेनमेंट जोन या क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं बनाए गए हैं ।उन्हें अब खोल दिया जाएगा। जहां बच्चों को पहले की तरह बुलाया जाएगा। सरकार के इस आदेश के बाद जिले में भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है तो वही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं सहित बच्चों के पालकों को भी इस बात का खौफ सता रहा है कि कहीं सरकार के आदेश से कोरोनावायरस ना बढ़ जाए। जहां सरकार खुद कह रही है कि स्कूलों में अभी बच्चों को बुलाना ठीक नहीं है। ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही है तो ऐसे में फिर छोटे-छोटे बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में बुलाना, केंद्र को फिर से शुरू करना कहां तक उचित होगा? इस बात का विरोध भी शुरू हो गया है। हालांकि अब तक कोई खुलकर विरोध नहीं कर रहे हैं तो वहीं सरकार की ओर से आदेश जारी होने के बाद जिला महिला बाल विकास विभाग भी इसी समीक्षा में जुटा हुआ है कि हम कैसे व्यवस्था बनाएंगे तो वही ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को यह जानकारी मांगी जा रही है कौन-कौन से आंगनबाड़ी केंद्र को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है, कौन-कौन से केंद्र कंटेनमेंट जोन में शामिल हैं, इन सब पूरी जानकारी आने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को 7 सितंबर से खोलने की तैयारी की जा रही है।
5 पेज का दिशानिर्देश जारी उनका पालन करके ही चलाना होगा केंद्र
शासन द्वारा छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर द्वारा 5 पेज का विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें विभिन्न बिंदु बताए गए हैं। जिनका पालन करके ही जिले में आंगनबाड़ी केंद्र को शुरू किया जा सकेगा तीन से 6 सितंबर के बीच केंद्र प्रारंभ करने के पूर्व भवन का सैनिटाइजेशन किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरी प्रशासन विकास विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा। प्रत्येक हितग्राही का भवन में प्रवेश के पूर्व साबुन से सैनिटाइज कराया जाएगा। साथ ही उनकी स्क्रीनिंग भी की जाएगी। स्क्रीनिंग करते समय प्रत्येक हितग्राही का बीमारियों के प्रारंभिक लक्षण का भी आकलन किया जाएगा। जिनको सर्दी खांसी बुखार या अन्य बीमारी पर परीलक्षित होगी उन्हें भवन में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। स्क्रीनिंग के लिए पृथक से किसी उपकरण के खरीदी की आवश्यकता नहीं है। भोजन पकाने में बर्तनों को उपयुक्त क्लीनिंग पाउडर एवं गर्म पानी से साफ कराया जाएगा। हितग्राहियों को अलग-अलग समूह में अलग-अलग समय पर बुलाया जाएगा ताकि सामाजिक दूरी बनी रहे। एक समय में 15 व्यक्तियों से अधिक लोग भवन में नहीं होंगे। गरम भोजन के लिए पात्र हितग्राही जैसे 3 से 6 साल के बच्चे गर्भवती महिलाएं एवं सुपोषण अभियान के हितग्राही को ही आने की अनुमति होगी। आंगनवाड़ी केंद्र में प्रवेश करने वाले सभी हितग्राहियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। भोजन करते समय मास्क हटा सकेंगे। साथ ही प्रत्येक हितग्राही के मध्य कम से कम 6 फीट की दूरी रखी जाएगी। 3 से 6 साल के बच्चों को मास्क पहनाने के संबंध में भारत सरकार के दिशा निर्देश का पालन किया जाएगा। आंगनवाड़ी केंद्र प्रारंभ करने के पूर्व सभी पर्यवेक्षक आंगनवाडी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस काम के लिए अलग से कोई राशि नहीं दी जाएगी आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु उपलब्ध राशि का उपयोग किया जाएगा।
इसलिए खोला जा रहा है आंगनबाड़ी केंद्रों को
सरकार का मानना है कि कोविड-19 के कारण 14 मार्च 2020 से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद रखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा हितग्राहियों के घर पहुंचा कर सुखा राशन दिया जा रहा है। बच्चों के पोषण स्तर को बनाए रखने एवं स्वास्थ्य सुविधा के लिए वर्तमान व्यवस्था प्रभावी नहीं है। अर्थात इस वर्तमान व्यवस्था में कुपोषण के स्तर में कमी लाने में कठिनाई होगी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 में राज्य में कुपोषण की दर 37% रही है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां जैसे डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ जैसी संस्थाओं का मानना है कि कोविड-19 के कारण कुपोषण में बढ़ोतरी हो सकती है। अतः कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 29 अगस्त 2020 को जारी निर्देश के अनुसार स्कूल कॉलेज व अन्य शैक्षणिक व कोचिंग संस्थानों को 30 सितंबर तक बन्द रखने कहा गया है पर आंगनबाड़ी केंद्रों के संबंध में बंदिश लागू करने का कोई उल्लेख नहीं है। इसलिए इसे खोला जा रहा है।
इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुमोदन प्राप्त किया गया है। जिसके अंतर्गत ही 7 सितंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों को खोला जाएगा और जहां दोपहर का भोजन दिया जाएगा। आंगनबाड़ी में आयोजित होने वाले स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का संचालन पहले की तरह होगा।
अगर कोई बच्चा या स्टॉफ़ संक्रमण का शिकार हो तो क्या करना है
निर्देश में यह भी कहा गया है कि केंद्र में यदि किसी बच्चे या स्टॉफ़ में संक्रमण की पुष्टि होती है तो ऐसी स्थिति में क्या क्या सावधानी बरतनी है। जिसके अंतर्गत कहा गया है कि संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग किए गए स्थान को पूर्णतः बंद किया जाएगा शुद्ध हवा के अंदर आने जाने हेतु बाहर के दरवाजे व खिड़कियां खोले जाएंगे। वातावरण में उपस्थित कीटाणुओं के स्थिर होने के लिए कम से कम 24 घंटे इंतजार करने के बाद ही केंद्र के संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी। संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग किए गए स्थान जैसे आफिस बाथरूम को साफ कर संक्रमण मुक्त किया जाएगा। किसी हितग्राही अथवा स्टाफ के संक्रमित पाए जाने पर केंद्र को 3 दिन के लिए पूर्णता बंद कर दिया जाएगा। इस अवधि में गर्म भोजन व अन्य सेवाएं प्रदान नहीं की जाएगी।