करहीभदर बाजार सहित जिले के गांव बन रहे तस्करों के ठिकाने, मवेशी तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, कई आरोपी पकड़े गए, पढ़िए बालोद जिले की यह पूरी खबर कैसे कार सप्लाई के वाहन कंटेनर से हो रही थी तस्करी
बालोद। जिले में लगातार मवेशी तस्करी की घटना सामने आने लगी है। करहीभदर बाजार सहित ग्रामीण क्षेत्र के कई इलाके तस्करों का अड्डा बनता जा रहा है। लगातार बालोद पुलिस की सक्रियता से तस्करी के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें 2 दिन में तीन तस्करी के मामले में कई आरोपी पकड़े गए। आरोपियों से जब पूछताछ हुई तो यह खुलासा हुआ कि वे कार सप्लाई करने वाले वाहन कंटेनर से मवेशियों को भरकर ले जाते हैं। महाराष्ट्र के कई क़त्ल खानों में बालोद जिले के मवेशियों की सप्लाई होती है पुलिस ने कंटेनर भी जप्त किया है। इसके अलावा वर्षो से फरार तस्करों को भी पकड़ने में सफलता हासिल की है। पूरे मामले का खुलासा करते हुए एएसपी डीआर पोर्ते ने दैनिक बालोद न्यूज़ को बताया कि आगे भी तस्करों पर इसी तरह से कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय कोचियों की भी तलाश की जा रही है। जो बड़े तस्करों तक मवेशियों को पहुंचाने का काम करते थे।
गुजरा में ये तस्कर पकड़े गए
01.मोहम्मद साजिद पिता मोहम्मद सकुर उम्र 31 साल ,02. ईशाद उल्ला खान पिता किस्मत उल्ला खान उम्र 30 साल, 03. शेख नसीर पिता शेख आसीन उम्र 29 साल, 04. ऐजाजुद्दीन पिता मिनाजुद्दीन उम्र 42 साल सभी साकिनान पठानपुरा थाना मुर्तिजापुर जिला-अकोला (महाराष्ट्र) के रहने वाले हैं। कंटेनर वाहन क्रमांक एम.एच. 40 बीएल 7153 को मोहम्मद साजिद द्वारा चलाना बताये तथा कंटेनर वाहन में 22 नग भैंस-भैंसा रखकर अवैध रूप से परिवहन करते नागपुर ले जाना बताये।
जिसे ढूंढने गए थे महाराष्ट्र में वह निकला छत्तीसगढ़ के इस जिले में पुलिस ने तस्करों के गिरोह को पकड़ा
रनचिराई थाना क्षेत्र में पूर्व में सामने आई तस्करी के मामले में पुलिस आरोपियों की खोजबीन कर रही थी। लोकेशन ट्रेस किया गया तो पता चला कि आरोपी नागपुर में छिपा हुआ है। पुलिस की टीम बनाकर नागपुर भेजे गए थे लेकिन वहां पहुंचते तक पता चला कि आरोपी नागपुर छोड़कर वापस छत्तीसगढ़ की ओर आ गए फिर लोकेशन ट्रेस करते हुए पता किया गया तो मालूम हुआ कि जहां से पुलिस ने तलाश शुरू की आरोपी वही फिर से सक्रिय हो गए हैं जिन्हें फिल्मी अंदाज में तलाश कर पकड़ा गया इस मवेशी तस्करी के गिरोह में वाहन स्वामी सत्तार खान के डॉ0 शेख बुनकर कालोनी कामटी, नागपुर स्थित निवास पर पता तलाश किया गया।
गिरोह ने किया खुलासा कैसे करते हैं तस्करी
पूछताछ पर एक आरोपी नदीम अंसारी ने कहा कि वह लगभग 05 वर्षों से छत्तीसगढ़ से पशुओं की अवैध परिवहन करने का कार्य करते आ रहा है। सन् 2018 में उसने एक ट्रक खरीदा था, जिसे मोबीन खान के माध्यम से छत्तीसगढ़ क्षेत्र में पशु तस्करी के लिए लगाया था। माह मार्च 2018 को वह गाड़ी पशु तस्करी करते थाना धमधा जिला दुर्ग छ0ग0 में पकड़ा गया था, जिससे धमधा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर नदीम अंसारी को जेल भेजा गया था। जमानत में रिहा होने के बाद स्वयं की गाड़ी पकड़ी जाने से वह साजिद शेख उर्फ बबलू पिता अकिल शेख उम्र 32 वर्ष साकिन अषोक नगर आजाद कालोनी टेका जिला-नागपुर के माध्यम सत्तार खान पिता सुभान खान उम्र 42 वर्ष साकिन डॉ0 शेख बुनकर कालोनी कामटी जिला-नागपुर के ट्रक
को प्राप्त कर तीनों साजिद शेख उर्फ बबलू, तथा सत्तार खान, छत्तीसगढ से नागपुर महाराष्ट्र मवेषी तस्करी का योजना बनाकर ट्रक ड्रायवर तिलक पिता भागवत बोरकर पता प्लांट न.798 मजिस्द के पास उपडवाली नागपुर महाराष्ट्र से उक्त ट्रक को चलवाते थे।
इधर पेशी के दौरान फरार हुआ था तस्करी का आरोपी,6 साल बाद पकड़ा गया
2014 में डंगनिया थाना गुण्डरदेही के पास गुण्डरदेही पुलिस द्वारा रेड कार्यवाही की गई थी। जिसमें पकड़े गए मवेशी तस्कर को जब पुलिस गिरफ्तार कर पेशी में कोर्ट ले जा रही थी तो एक आरोपी कमलेश गुप्ता पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। 6 साल बाद पुलिस ने टीम बनाकर कर यशोधरा नागपुर से वारंटी कमलेश गुप्ता पिता नत्थु लाल गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा किया जाकर जेल में निरूद्ध किया गया।