Exclusive- आखिर क्यों बालोद जिले के इस राष्ट्रीय संत ने गोधन योजना पर उठाया सवाल, बोले योजना पर सरकार ना करें राजनीति, आखिर ₹2 में गोबर बेचकर किसान उसी से बने खाद को ₹8 में कैसे खरीदेगी? और भी क्या-क्या है योजना में कमियां, पढ़िए संत की जुबानी, योजना की कहानी
दीपक यादव, बालोद। हाल ही में छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय बनी गोधन न्याय योजना पर पूरे देश की निगाहें हैं। इस योजना को कोई अच्छा बता रहा है तो कोई बुरा। इसी क्रम में गोवंश के संरक्षण को लेकर वर्षो से प्रयास कर रहे राष्ट्रीय संत बालोद जिले के डौंडी लोहारा ब्लॉक स्थित पाटेश्वर धाम के रामबालक दास महात्यागी ने गोधन न्याय योजना पर अपनी राय रखी। दैनिक बालोद न्यूज़ डॉट कॉम के जरिए उन्होंने इस संबंध में अपने विचार साझा किए ताकि सरकार को भी पता चले कि इस योजना में क्या कमी है, जिन्हें सुधारेंगे तभी यह सफल होगी। उन्होंने योजना पर कुछ सवाल भी उठाए तो सरकार को घेरा भी।
₹2 में गोबर बेच कर भला ₹8 में खाद क्यों खरीदेंगे किसान

संत राम बालक दास ने दैनिक बालोद न्यूज़ के जरिए सरकार से कहा कि सरकार की योजना तो अच्छी है। पर इसमें कुछ कमियां है। भला यह सोचे जिस गोबर को सरकार किसानों से ₹2 में खरीद रही है फिर उसी गोबर से बने कंपोस्ट खाद को किसान ₹8 में क्यों खरीदेगी।
सरकार योजना के नाम पर ना करें राजनीति

राम बालक दास जी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना पर सरकार राजनीति करना बंद कर दें इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए तो वहीं सिर्फ राजनीति से जुड़े लोगों व प्रशासन के लोगों को जोड़कर योजना संचालित करना संभव नहीं है। ऐसा करने से योजना असफल हो सकती है। व्यवस्थित तरीके से इसका संचालन होना चाहिए। गौ सेवा से जुड़ी संस्थानों को भी इसमें जोड़ा जाना चाहिए। जब तक संत, समाज को भी इस योजना से नहीं जोड़ा जाएगा इसकी सफलता निश्चित नहीं है।
गोबर से भी बनाई गई है राखी

पाटेश्वर सेवा संस्थान के माध्यम से गोबर से राखी बनाई गई है। जिसे लोग रक्षाबंधन पर खरीद रहे हैं। 15,000 से ज्यादा राखियां इसी तरह से बना कर लोगों को भेजी गई है। संत राम बालक दास जी ने कहा कि अगर ऐसे कई तरीकों से गोबर को बढ़ावा दिया जाए तो सरकार की योजना सफल हो सकती है।
