भूपेश बघेल मुख्यमंत्री के द्वारा प्रदेश के शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए स्वामी आत्मानंद स्कुल खोलें हैं लेकिन क्या इस लेट लतीफी से हो पायेगा शिक्षा में सुधार, कौन है जिम्मेदार शिक्षक, छात्र छात्राएं कि पालक ????
अनुशासन को तोड़ने वाले आखिर कौन है बड़ा सवाल पुछ रहें हैं आम जनता
दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।छत्तीसगढ़ में शिक्षा के स्तर को सुधार करने के लिए सभी जिला मुख्यालयों से लेकर विकासखंड से लेकर बड़े नगरीय निकायों में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री ने अंग्रेजी माध्यम के लिए स्वामी आत्मानंद स्कुल का संचालन कर रहे हैं ताकि बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षा मिल सकें और बच्चों के शिक्षा में विस्तार हों हमें बचपन से शिक्षा के साथ साथ अनुशासित रहने के लिए अनुशासन का पाठ शिक्षा के साथ साथ अनुशासन मुफ्त में दिया जाता है जो हमारे जीवन भर काम आता है हमें कैसी अनुशासित रहकर अपने दिनचर्या के साथ साथ जीवन में हर जगह काम आता है ।
लेकिन नगर के स्वामी आत्मानंद स्कूल में न छात्र छात्राएं अनुशासित हों रहें हैं और न शिक्षक जो समय का पालन कर सकें अभी ठंडी का मौसम होने के कारण सुबह स्कूल का समय परिवर्तन पहले सुबह 7:30 को स्कूल लग रहा था उसे ठंड अधिक होने के कारण बच्चों को दिक्कत न हो करके सुबह 8.00 बजे से किया गया है लेकिन बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं सुबह 8.00 बजे स्कूल में प्रार्थना होने के समय गेट बंद कर दिया जाता है लेट लतीफी करने वाले बच्चे स्कूल के गेट पास खड़े होकर गेट खुलने का इंतजार करते रहते हैं वहीं बच्चों को छोड़ने के लिए आये पालक भी होते हैं अगर पालक स्वयं अनुशासित होते तों बच्च को समय पर स्कूल छोड़ पाते वहीं कुछ शिक्षक शिक्षका भी सुबह लेट लतीफी के साथ सुबह 8.20 बजे पहुंचे इसमें हम किसको दोषी माने शिक्षक को छात्र छात्राओं को कि उनके पालक को जो बच्चे को छोड़ने आते हैं।
मनोज कलिहारी प्राचार्य स्वामी आत्मानंद स्कुल डोंगरगांव ने कहा कि
हम छात्र छात्राओं को अनुशासित करने के उद्देश्य से ही गेट बंद करवाते हैं ताकि समय पर स्कूल पहुंच सके इसलिए अभी ठंड को देखते हुए स्कूल समय पर परिवर्तन किए हैं वहीं पालक का भी जिम्मेदारी है कि छात्र छात्राओं को समय पर स्कूल पहचाये हम समय समय पर पालक के मिटिंग में इन सब बातों पर विचार विमर्श भी करते हैं कि स्कूल को कैसे बेहतर से बेहतर बनाया जा सके वहीं कुछ शिक्षक स्कूल समय पर नहीं पहुंचे लेट लतीफी में आने की जानकारी आपके माध्यम से मुझे मिल रहा है निश्चित तौर पर आप मुझे उन शिक्षकों का फोटो मेरे मोबाइल पर भेजो में उस पर कार्रवाई करूंगा।