राज्य सरकार के रोका छेका अभियान फेल किसानों की फसल लावारिस जानवरों से हो रहे हैं बर्बाद – राजेश श्यामकर

राज्य सरकार की रोका छेका अभियान सिर्फ कागजों पर

दैनिक बालोद न्यूज/प्रेम प्रकाश साहू/राजनांदगांव।

जिला पंचायत सदस्य भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश श्यामकर ने राज्य सरकार के द्वारा चलाया जा रहे रोका छेका अभियान को फेल बताते हुए कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत के चलते खेतों में बुवाई का काम लगभग पूर्ण हो चुका है और फसल लहराने लगा है लेकिन मवेशियों के द्वारा पशुओं को लगातार बर्बाद किया जा रहा है जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में चालू खरीफ सीजन के दौरान रोका छेका अभियान फेल है फसलों की बुवाई के बाद किसानों की सबसे बड़ी चिन्ता फसलों की देखभाल और उसकी सुरक्षा की होती है फसलों की सुरक्षा के लिए रोका – छेका का अभियान फेल हो रहा है स्थित गीठान से जिले में रोका छेका के तहत आवारा पशुओं और मवेशियों को गौठान में रखा जाना था लेकिन गठान में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी गौठान का संचालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है।

श्री श्यामकर ने आगे कहा कि

छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वपूर्ण योजना रोका छेका अभियान अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। किसानों के फसलों को आवारा पशुओं व मवेशियों से बचाना बड़ा मुश्किल हो रहा है लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर का गौठान का निर्माण राज्य सरकार के द्वारा किया गया है लेकिन गांव के गौठानो मैं समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण आवारा पशुओं और मवेशियों को रखना असंभव है क्योंकि गौठानो मैं ना तो पीने का पानी है और ना ही पर्याप्त चारा पशुओं के लिए नहीं है देखरेख के अभाव में गौठान भी क्षतिग्रस्त होने के कगार पर हैं। जिस प्रकार से किसान कड़ी मेहनत के साथ खेतों पर बुवाई किया है उसके लिए भी सोसाइटीयो के चक्कर काटकर बीज व खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने का एक महत्वपूर्ण कारण भी है जिसके वजह से किसान बाजारों से अधिक दाम पर खाद व बीज खरीद कर अपने खेतों में बुवाई किया है लेकिन आवारा पशुओं व मवेशियों के कारण फसल लगातार बर्बाद होते जा रहा है राज्य सरकार की रोका छेका अभियान सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गया है।राज्य सरकार की रोका छेका अभियान सिर्फ कागजों पर दैनिक बालोद न्यूज/प्रेम प्रकाश साहू/राजनांदगांव। जिला पंचायत सदस्य भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश श्यामकर ने राज्य सरकार के द्वारा चलाया जा रहे रोका छेका अभियान को फेल बताते हुए कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत के चलते खेतों में बुवाई का काम लगभग पूर्ण हो चुका है और फसल लहराने लगा है लेकिन मवेशियों के द्वारा पशुओं को लगातार बर्बाद किया जा रहा है जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में चालू खरीफ सीजन के दौरान रोका छेका अभियान फेल है फसलों की बुवाई के बाद किसानों की सबसे बड़ी चिन्ता फसलों की देखभाल और उसकी सुरक्षा की होती है फसलों की सुरक्षा के लिए रोका – छेका का अभियान फेल हो रहा है स्थित गीठान से जिले में रोका छेका के तहत आवारा पशुओं और मवेशियों को गौठान में रखा जाना था लेकिन गठान में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी गौठान का संचालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। श्री श्यामकर ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वपूर्ण योजना रोका छेका अभियान अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। किसानों के फसलों को आवारा पशुओं व मवेशियों से बचाना बड़ा मुश्किल हो रहा है लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर का गौठान का निर्माण राज्य सरकार के द्वारा किया गया है लेकिन गांव के गौठानो मैं समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण आवारा पशुओं और मवेशियों को रखना असंभव है क्योंकि गौठानो मैं ना तो पीने का पानी है और ना ही पर्याप्त चारा पशुओं के लिए नहीं है देखरेख के अभाव में गौठान भी क्षतिग्रस्त होने के कगार पर हैं। जिस प्रकार से किसान कड़ी मेहनत के साथ खेतों पर बुवाई किया है उसके लिए भी सोसाइटीयो के चक्कर काटकर बीज व खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने का एक महत्वपूर्ण कारण भी है जिसके वजह से किसान बाजारों से अधिक दाम पर खाद व बीज खरीद कर अपने खेतों में बुवाई किया है लेकिन आवारा पशुओं व मवेशियों के कारण फसल लगातार बर्बाद होते जा रहा है राज्य सरकार की रोका छेका अभियान सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गया है।

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