हौसला ऐसा कि बस्तर से निकलकर पुरे छत्तीसगढ़ का भ्रमण का तमन्ना लिए निकल पड़ा साईकिल से एक युवा

05 वे दिन राजनांदगांव का भ्रमण करते हुए डोंगरगढ़ पहुंचे युवा

दैनिक बालोद न्यूज/राजनांदगांव।जीवन में अगर हो हौसला तो हर मुकाम हासिल कर सकते हैं ऐसे ही सपना लिए छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल से निकल एक 18 वर्षीय युवा अस्तू नाग पुरे छत्तीसगढ़ भ्रमण के लिए अपने साईकिल से यात्रा कर रहा है अस्तू नाग बस्तर अंचल के जगदलपुर शहर से 20 किमी दूर एक छोटा सा गांव पुष्पाल जोजलपार में दादा दादी के साथ रहता है 8वी कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद छोड़ दिया है मन में एक रोज विचार आया कि छत्तीसगढ़ का भ्रमण करना है लेकिन घर के स्थिति परिस्थिति ठीक नहीं होने के कारण एक सपना जैसा लग रहा था तभी इस बात को अपने दोस्तों को शेयर किया फिर दोस्तों ने मिशाल पेश करते हुए एक दोस्त ने उसे अपना साईकिल दिया तों वहीं दूसरे दोस्त ने छत्तीसगढ़ के खुबसूरत नजारा को मोबाइल पर कैद करने के लिए अपना मोबाइल दिया।

अस्तू के सपनों में उड़ान भर आया फिर निकल पड़ा छत्तीसगढ़ भ्रमण के लिए

अस्तू नाग पांच दिन पहले अपने गांव से साईकिल में देश की शान तिरंगा व एक जागरूकता का पोस्टर लगाकर छत्तीसगढ़ भ्रमण करने के लिए जगदलपुर, केशकाल,कांकेर,चारामा,भानूप्रतापपुर,डौंडी,दल्लीराजहरा, डौंडीलोहारा मार्ग होते हुए राजनांदगांव पहुंचे। इस बीच अस्तू नाग का अनेकों जगह स्वागत सत्कार किया गया ।जब राजनांदगांव पहुंचे तब रात्रि में रूकने के लिए अपना दरिया दिल दिखाते हुए डां नरेंद्र गांधी ने अपने गांधी नर्सिंग होम में रूकने के लिए जगह दिया साथ डां गांधी ने अपने घर में खाना भी खिलाया इस सेवा भाव को देखकर अस्तू नाग ने डां गांधी को धन्यवाद ज्ञापित किया। फिर सुबह राजनांदगांव शहर का भ्रमण करते हुए अनेकों चौक चौराहों व मां पाताल भैरवी,गुरू द्वारा का दर्शन किया।

भोज साहू पर्यावरण प्रेमी ने अस्तू नाग से मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करने के लिए दिया जिम्मेदारी

जैसे ही भोज साहू पर्यावरण प्रेमी को इनकी जानकारी मिली वैसे ही अस्तू नाग से संपर्क किया साथ ही अपने मित्र दरवेश आनंद, धर्मेंद्र साहू, भास्कर साहू के साथ पहुचकर छत्तीसगढ़ भ्रमण के लिए निकले अस्तू नाग का स्वागत हरा कलाकार का रिबन लगाकर व एक तिरंगा झंडा देकर पर्यावरण संरक्षण के लिए आम लोगों को जागरूक करने का संदेश देने का जिम्मेदारी भी दिया उसके बाद साईकिल से यात्रा करते हुए डोंगरगढ़ कि ओर मां बम्लेश्वरी देवी का दर्शन करते हुए खैरागढ़ का इंदिरा संगीत विश्वविद्यालय भ्रमण करते हुए कवर्धा जायेगा।

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