दंतेश्वरी मंदिर प्रांगण में दुर्लभ प्रजाति का मिला सर्प

दैनिक बालोद न्यूज़/ जैव विविधता के लिए मशहूर दक्षिण बस्तर में दंतेश्वरी मंदिर प्रांगण में मिला काले सिर वाला दुर्लभ प्रजाति का सर्प । तक्षक नाग की पहचान भी बैलाडीला में दिसम्बर 2010 में प्रो गजेंद्र ने की थी ।

दन्तेश्वरी मंदिर प्रांगण में मिले ब्लेक हेडेड सर्प को स्थानीय स्टाफ ने पहले तो इसे नाग का सपोल समझा फिर इसे निकालने के लिए सर्प विशेषज्ञ अक्षय मिश्र की टीम को बुलाया ।
अक्षय मिश्रा के अनुसार दुर्लभ प्रजाति के इस सर्प को ड्डूमेरिल्स ब्लैक हेडेड स्नेक के तौर पर पहचान बताई । इसे जोर्डन्स मैनी के नाम से भी जाना जाता है । यह विषहीन होता है और आम जनजीवन में कम देखने को मिलता है । इसकी लम्बी करीब 30 सेमी तक होती है ।

इनका कहना है कि बैलाडीला की पहाडियां विभिन्न जीवन की प्रजातियों से भरी पड़ी हैं क्योंकि यहां के प्राकृतिक आवास उनके लिये वरदान से कम नहीं । पर शोध की कमी से दक्षिण बस्तर राष्ट्रीय स्तर की पहचान का मोहताज है ।

यहां भारतीय पुराणों में वर्णित तक्षक नाग की खोज दिसम्बर 2010 में सर्प वैज्ञानिक डॉ एचकेएस गजेंन्द्र ने की थी ।

राजा परीक्षित को इसी सर्प ने ऋषि कुमार के श्राप से डसा था । वैधव्य काल में रानी ने तक्षक को श्राप दिया था कि उनके सुहाग के पांचों रंग उसके शरीर में अंकित हो जाएं । तक्षक देखने में अत्यधिक आकर्षक लगता है ।