पीड़ित ने लगाया समाज व गांव से बहिष्कृत करने का आरोप, बातचीत व लेनदेन, कामकाज बंद कराया

सरपंच ने कहा आरोप गलत है परिवार को सभी से बातचीत, लेनदेन व कामकाज के लिए स्वतंत्र है


दैनिक बालोद न्यूज/
डोंगरगांव।कहने को तो आज हमारे देश में जाति भेदभाव, छूवाछूत की भावना और प्रथा खत्म हो गई है पर आज भी जहां हम समानता की बात करते है तो यह बाते खोखली साबित होती है। आज भी समाज में भेदभाव व छूवाछूत की भावना गहराई तक अपना जड़ जमाये है और लोग इसको अपने दिलो दिमाग में बिठाए हुए है तथा जो व्यक्ति इस प्रथा को तोड़ना भी चाहे तो समाज उसे नहीं स्वीकारता। ऐसा ही मामला वर्तमान में सामने आया है डोंगरगांव क्षेत्र छुरिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम शिकारीटोला में साहू समाज ने अपने ही समाज के परिवार को समाज से अलग कर रखा है तथा उसे प्रताड़ना सहनी पड़ रही है और तो और समाज के साथ ही गांव में भी उसे किसी से भी बात करने, काम पर जाने, समान लेने जैसी मुलभूत सुविधाओं से वंचित कर रखा है। उस परिवार की गलती सिर्फ यह है कि उसने अपने लड़की की शादी में अनुसूचित जाति के मित्र को अपनी खुशी में शामिल किया था।


पीड़ित परिवार के मुखिया संतोष कुमार साहू ने बताया कि

मेरे परिवार के शादी समारोह में मैने अपने मित्र को बुलाया था जिसको आधार बनाकर मुझे व मेरे परिवार को पहले तो समाज से उसके बाद गांव से बहिस्कृत किया गया है जिसके कारण मै व मेरा परिवार को काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। हमारे घर में किसी व्यक्ति के आने – जाने, बोल – चाल, खाना – पीना सब बंद करा दिया गया है। जिससे आर्थिक क्षति के साथ साथ मानसिक तौर पर परेशानी उठानी पड़ रही है। शादी के काफी दिन बित जाने के बाद मुझे और मेरे परिवार को समाज से अलग कर दिया गया पहले तो मैने यह बात समाज के प्रतिनिधियों को बताई पर उस पर भी बात नहीं बनने पर मैने न्याय के लिए कलेक्टर व एसपी राजनांदगांव से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होने आगे बताया कि जिस मेहमान को लेकर समाज ने मुझे बहिस्कृत किया है वह शादी समारोह में आने के बाद भी बिना खाना खाये तथा घर के अंदर नहीं आकर वह कुछ समय रूकने के बाद ही वापस लौट गया था जिसको आधार बनाकर समारोह के काफी दिनों के बाद इस बात को उठाकर मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है।


ज्ञापन के अनुसार बहिस्कार का फैसला करने वालों में

साहू समाज की गांव इकाई के अध्यक्ष पुरूषोत्तमदास साहू, सचिव प्रीतम साहू, सदस्य सावंत साहू व अलख साहू आदि प्रमुख हैं। इन्होंने बैठककर पहले बहिस्कार का निर्णय कर दिया। माफी मांगी पर भी नहीं माने। इतना ही नहीं गांव में मुनादी करा दी गई है। किसी भी तरह का संबंध रखने वालों को बहिस्कृत कर देने की धमकी दी गई है। इससे पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान हो गया है।


सरपंच ग्राम पंचायत शिकारीटोला प्रीतम साहू ने बताया कि

गांव व समाज से संतोष कुमार साहू व उसके परिवार को बहिस्कृत नहीं किया गया है यह बात गलत है कि समाज व गांव के द्वारा उन्हे खाना, पानी व बोलचाल पर रोक है, वह परिवार स्वतंत्र रूप से गांव व समाज में आना जाना कर सकता है व कामकाज के लिए भी स्वतंत्र है।