भगवान श्री कृष्ण व बहन सुभद्रा के स्नेह से जुड़े हुए भाई दूज पर्व – संत राम बालक दास

बालोद।कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई-बहन के स्नेह के पर्व भैयादूज को मनाया जाता है जिसके बारे मे मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने के पश्चात अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए थे. सुभद्रा ने अपने भाई से मिलकर उनका तिलक कर आरती पूजन किया और पुष्पहारों से उनका आदर सत्कार के साथ स्वागत किया तब से ही हर वर्ष इसी तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है
श्री पाटेश्वर धाम जि बालोद छत्तीसगढ़ के संत प्रवर राम बालक दास जी महात्यागी लगातार 7 माह से अपने व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से ऑनलाइन सत्संग का संचालन कर रहे हैं आज भी सुबह 10:00 से 11:00 बजे एवं दोपहर 1:00 से 2:00 श्री सीता रसोई संचालन ग्रुप एवं अन्य व्हाट्सएप ग्रुप में संत श्री ने भाई दूज के महत्व पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि श्रावण माह की देवशयनी एकादशी से लेकर कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी तक भगवान महाविष्णु सुतल लोक में बलि की रक्षा के लिए निवास करते हैं आज ही के दिन श्री लक्ष्मी ही रक्षा सूत्र बांध तिलक लगाकर बली भाई से अपने पति को वापस बैकुंठ लाती हैं इसी प्रसन्नता में यह भाई दूज का उत्सव मनाया जाता है इसके साथ साथ एक पौराणिक कथा यह भी है कि इस दिन यमुना ने यमराज को अपने यहां भोजन कराया था जिससे खुश होकर यमराज नें नरक के जीवों को मुक्त कर दिया था. नरक से मुक्ति पाकर सभी जीवों को नरक की यातनाओं से मुक्ति मिली और वे तृप्त हो गए. सभी जीव पापमुक्त होकर सभी सांसारिक बंधनों से मुक्त हो गए और सभी जीवों ने मिलकर उत्सव मनाया और ये उत्सव यमलोक के राज्य को सुख पहुंचाने वाला था तभी से यह तिथि यम द्वितीया के नाम से प्रचिलित हुई और इसी तिथि को हर वर्ष भाई दूज पर्व मनाया जाता है।


भाई दूज के अवसर पर श्री पाटेश्वर धाम में भी आज भक्तों एवं माताओं का ताता लगा रहा

सैकड़ों की संख्या में भाई-बहन पाटेश्वर धाम आए बहनों ने भाइयों के मस्तक पर तिलक लगाकर एवं इस सुरम्य वन के वातावरण में अपने भाइयों को आशीर्वाद देकर मिठाई खिलाकर इस पर्व को निभाया
संत श्री राम बालक दास जी को प्यारी बहना ऋचा एवं अपर्णा बेटी ने तिलक लगाकर भाई दूज पर्व में भाई को आशीष प्रदान किया भाईदूज के इस दुर्लभ्भकार्यम का प्रसारण 17 नवम्बर की बाबाजी की पाती कार्यक्रम में शम 5 बजे किया जाएगा जिसे आप सभी पाटेश्वर धाम के यूट्यूब चैनल
Ram balak das पर देख सकते है