नया नियम- अब किसी की भी हो मौत तो अब प्रशासन को पूछे बगैर लोग नहीं कर सकेंगे अंतिम संस्कार, कोरोना के संक्रमण से बचने बनाई जा रही प्रशासन द्वारा नई व्यवस्था

दीपक यादव,बालोद। बीते दिनों से लगातार खासतौर से शोक कार्यक्रम में शामिल हुए लोग कोरोना के शिकार हो रहे हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण व लापरवाही का परिणाम ग्राम मोखा गुंडरदेही ब्लॉक है ।जहां पर आधे से ज्यादा घरों से कोरोना मरीज निकल चुके हैं। जो एक ही शोक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इनके संपर्क में आने वाले दूसरे गांव के ग्रामीण भी कोरोना के शिकार हो गए हैं इन सब परिस्थितियों को भापते हुए कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अब प्रशासन शोक कार्यक्रम पर भी नजर रखेगी। कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने अब स्थानीय अधिकारी, ग्राम पंचायत व नगर पंचायत, नगर पालिका क्षेत्र को यह आदेश कर रहे हैं कि अगर कहीं भी किसी की किसी भी परिस्थिति में मौत होती है तो उनका अंतिम संस्कार हमें जानकारी दिए बगैर ना किया आ जाए। इस आदेश का उद्देश्य यही है कि अगर किसी को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे सावधानी पूर्वक अंतिम संस्कार किया जाए। कई बार लोग बिना जांच कराए ही अंतिम संस्कार कर देते हैं। प्रशासन संक्रमण रोकने के लिए अब पूरी सावधानी बरतने की तैयारी कर रहे हैं।

कोरोना से मरने वालों के शव प्रबंधन को लेकर भी अलग से सरकार द्वारा आदेश जारी हुआ है ताकि अंतिम संस्कार में भी किसी तरह की लापरवाही ना हो। क्योंकि कोरोना ऐसी बीमारी है जो जरा सी चूक से कई लोगों तक पहुंच सकती है इसलिए शासन प्रशासन अब शोक कार्यक्रम को भी व्यवस्थित तरीके से करने में जुटा हुआ है। ताकि कोरोना का खतरा कम से कम रहे तो वहीं लोगों से भी अपील की जा रही है कि वे शोक कार्यक्रम में भीड़ ना बढ़ाएं।

क्या कहा गया है जारी आदेश में
अलग-अलग क्षेत्र में एसडीएम व तहसीलदार द्वारा स्थानीय प्रशासन को आदेश जारी किया जा रहा है कि गांव में किसी का किसी भी परिस्थिति में निधन होता है तो इसकी पूरी जानकारी प्रशासन को दी जाए। बिना जानकारी दिए अंतिम संस्कार ना किया जाए। एसडीएम गुंडरदेही द्वारा भी ऐसा ही एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने गुंडरदेही जनपद के सीईओ व नगर पंचायत अधिकारी गुंडरदेही व अर्जुन्दा को आदेशित किया है कि वर्तमान में कोविड-19 का संक्रमण सतत रूप से प्रसारित हो रहा है। प्रतिदिन कोविड-19 पॉजिटिव केसों की संख्या में वृद्धि हो रही है। लोगों के बीच कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना व निरंतर मास्क का प्रयोग किया जाना बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन देखने में यह आ रहा है कि गांव में कुछ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें लोगों की बड़ी संख्या में भीड़ उपस्थित हो रही है कोविड-19 के संक्रमण की दृष्टि से यह अत्यंत चिंताजनक है इसलिए सभी नगर पंचायत व ग्राम पंचायतों को लिखित रूप से निर्देशित करें कि गांव में दाह संस्कार या अन्य कोई भी कार्यक्रम आयोजित हो तो इसकी पूर्व सूचना तहसीलदार गुंडरदेही या एसडीएम को दें। किसी भी कार्यक्रम में 10 लोगों से अधिक की उपस्थिति मान्य नहीं होगी। अगर नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।

पार्थिव शरीर के प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी की भी हुई नियुक्ति


इसके अलावा कलेक्टर ने एक आदेश भी जारी किया है। कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने संक्रमण की रोकथाम के लिए अब पॉजिटिव या संदिग्ध मरीजों की मृत्यु के पश्चात पार्थिव शरीर के प्रबंधन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। जिसके मुताबिक अब पॉजिटिव व संदिग्ध मरीजों की मृत्यु की स्थिति में पार्थिव शरीर के प्रबंधन एवं अंतिम संस्कार के क्रियान्वयन हेतु भी जिले के अंतर्गत नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जिला स्तर पर नोडल अधिकारी एसडीएम बालोद व सहायक नोडल अधिकारी तहसीलदार बालोद होंगे। तो ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारी संबंधित क्षेत्र के एसडीएम व सहायक नोडल अधिकारी के रूप में तहसीलदार, थाना प्रभारी, सीईओ जनपद, नगर पंचायत, नगर पालिका सीएमओ होंगे। नोडल अधिकारी व सहायक नोडल अधिकारी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में शव का सावधानीपूर्वक पैकिंग, संबंधित अस्पताल से शव को बैग में प्राप्त करने, सुरक्षित परिवहन, पार्थिव शरीर को रिश्तेदारों को सुपुर्द करने, अंतिम संस्कार निर्धारित प्रोटोकाल अनुसार करवाने की व्यवस्था करेंगे। वे अपने स्तर पर इसके लिए अन्य अधिकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगा सकेंगे। पार्थिव शरीर के प्रबंधन को लेकर यह व्यवस्था इसलिए बनाई जा रही है क्योंकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव ने भी इसे गंभीरता से लिया है और सभी कलेक्टर व एसपी को इसके लिए निर्देश जारी हुआ है कि कोरोना से मृत्यु की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है तो पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु के पश्चात संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसलिए पार्थिव शरीर का उचित प्रबंधन व निराकरण बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए भी करना पड़ रहा है क्योंकि कई बार व्यक्ति की मृत्यु के बाद में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है। अगर कोई संदिग्ध है तो भी उनके अंतिम संस्कार में कोई लापरवाही ना हो, इसका पूरा ख्याल अब अधिकारी की उपस्थिति में रखा जाएगा ताकि गांव हो या शहर अगर कहीं किसी की मृत्यु होती है तो सही तरीके से अंतिम संस्कार हो सके।