आप के नेता व नगरपालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन पर मारपीट का आरोप, दोनों पक्षों से पुलिस ने दर्ज किया मामला, विवाद अतिक्रमण हटाने को लेकर हुआ

नपा उपाध्यक्ष संतोष देवांगन

बालोद/ दल्ली राजहरा। दल्ली राजहरा थाने में आप यानी आम आदमी पार्टी के नेता व नगरपालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ है। उन पर यह आरोप महेंद्र ब्रह्में ने लगाया है। उनकी शिकायत पर आरोपी संतोष देवांगन, राहुल व अन्य व्यक्ति के खिलाफ धारा 294 323 34 506 आईपीसी तक केस दर्ज हुआ है तो वही संतोष देवांगन ने भी अपने बचाव में आरोपी पप्पू गढ़वाल के खिलाफ 294 506 आईपीसी के तहत गाली गलौज व धमकाने का केस दर्ज करवाया है। दोनों पक्षों में विवाद अतिक्रमण हटाने को लेकर होने की बात सामने आ रही है। एक पक्ष की ओर से शिकायतकर्ता महेंद्र ब्रम्हे का कहना है कि मैं वार्ड 14 डंपर गेराज दल्ली राजहरा का रहने वाला हूं। वार्ड 10 में भी नारायण चौक में हमारा किराना का दुकान है। जिसके पीछे कुछ जमीन बचा था।

उसमें 1 सप्ताह पहले बाउंड्री वाल बनाया था। जिसे 6 सितंबर की शाम को मेरे पड़ोसी व्यक्ति, संतोष देवांगन और राहुल को बुला कर लाए और हमारे बनाए बाउंड्री को तोड़ने के लिए सभी बोले। हमारे मना करने पर दादागिरी करते हुए संतोष देवांगन ने सामने के बाउंड्री वाल को तुड़वा दिया। संतोष देवांगन, राहुल व पड़ोसी हमारी दुकान में गाली-गलौच करते रहे और जान से मारने की धमकी देते रहे। मुझे मारपीट करने लगे तब मेरे छोटे भाई सुरेंद्र ने बीच बचाव किया तो उसे भी तीनों ने मिलकर मारपीट की।

जिससे हम दोनों घायल हो गए तो दूसरे पक्ष से शिकायतकर्ता संतोष देवांगन का कहना है कि उक्त वार्ड में अतिक्रमण किए जाने की शिकायतें लगातार लोगों से मिल रही थी ।जिस पर मैं उन लोगों को पहले समझाने भी गया था। वह राजी भी हो गए थे कि अतिक्रमण हटा देंगे।लेकिन इसके बाद भी निर्माण कार्य चल रहा था इस बात की जानकारी मिलने पर मैं दोबारा वहां गया तो मजबूती से निर्माण कार्य करवाया गया था। जिससे नाली के ऊपर अवैध निर्माण हो गया था।

इस पर मैंने पप्पू गढ़वाल के पिता को मौके पर ही बुलाकर नाली ऊपर दीवार निर्माण करने से मना किया था लेकिन वह काम करते रहे और दीवार बना दिए। अतिक्रमण हटाने के लिए कहा तो मुझे आरोपी धमकी देने लगे कि जो करना है कर लो। काम नहीं रुकेगा कहते हुए देख लेने की धमकी देने लगे। इस दौरान आसपास लगभग 70 व्यक्ति थे। जिससे उनके व्यवहार से मुझे शर्मिंदा होना पड़ा और मुझे डर सा लगने लगा है।