Exclusive-ऐसा भी होता है-कोरोना पीड़ित दमाद को ससुर ने निमोनिया का मरीज बताकर घर में छुपाया, प्रशासन ढूंढती रही, ग्रामीणों में भी मचा बवाल पुलिस बुलानी पड़ी, तब पहुंचा अस्पताल

बालोद। बालोद जिले के ग्राम सांकरा (जगन्नाथपुर) में बीती रात को एक अजब गजब मामला सामने आया। यहां पर एक दमाद कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनका मूल निवास डारागांव, डौंडी लोहारा ब्लॉक है। लेकिन वह दो-तीन दिन से अपने ससुराल में ही था। जिसे प्रशासन कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद ढूंढ रही थी। लेकिन ससुर हीरा लाल ने अपने दमाद को निमोनिया ग्रसित बताक़र घर में ही छुपा कर रखा था। जब रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन नंबर ट्रेस कर उसे डारागांव में पता करने लगी, वह वहां नहीं मिला।

फिर पता चला कि वह तो अपने ससुराल में है। इस बीच जब स्वास्थ्य विभाग की टीम बीती रात 10 बजे मरीज को लेने के लिए उनके ससुराल पहुंची तो ससुर सहित अन्य परिजन विरोध करने लगे कि उन्हें कोरोना नहीं हुआ है। वह निमोनिया से पीड़ित है। तो वही गांव वाले भी विरोध करने लगे कि गांव में अब तक कोरोना का एक भी केस नहीं था लेकिन इनकी वजह से यहां केस मिल गया। ग्रामीणों व ससुर के बीच वाद विवाद शुरू हो गया। देखते देखते माहौल गरमा गया, पुलिस बुलानी पड़ी। देर रात को टीआई सहित अन्य पुलिसकर्मी गांव पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाकर मरीज को संजीवनी 108 से अस्पताल भेजा गया। बताया गया कि मरीज की रिपोर्ट 6 सितंबर को ही आ गई थी। लेकिन वह डारागांव में था ही नहीं तो प्रशासन भी उसे ढूंढ रही थी। दूसरे दिन 7 सितंबर को पता चला ससुराल में है।

गांव में बढ़ सकता है खतरा क्योंकि दमाद बाजार में भी घूमता रहा, दोस्तों से भी मिलता रहा


दैनिक बालोद न्यूज़ की पड़ताल में इस केस में मरीज की लापरवाही भी जमकर सामने आई है। रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी लेकिन वह क्वारंटाइन के नियमों का पालन ही नहीं कर रहा था और सोमवार को वह ससुराल के बाजार में भी घूम रहा था। कुछ दोस्तों से भी मिला था तो वह टेस्ट कराने के बाद घर पर ना रहकर घूमते पाया गया था। बताया जाता है कि वह रायपुर में रहता था। जिसे उनके साढू भाई परसदा निवासी ने वेन से ही सीधे अपने ससुराल ले आया था। अपने गांव में वह गया ही नहीं था। टेस्ट कराने के बाद वह ससुर के घर पर रहने के बजाय इधर-उधर घूम रहा था। जिसकी रिपोर्ट फिर पॉजिटिव आ गई।