एटीएम की गलती, ग्राहक भुगतता रहा, 10,000 ना निकालने के बाद भी आया मोबाइल पर मैसेज, बैंक प्रबंधन ने खड़े कर दिए हाथ, वकील की नोटिस के बाद 12 दिन के भीतर लौटाया पैसा

बालोद। ऐसी घटना आपके साथ भी हो सकती है क्योंकि अक्सर लोग एटीएम से पैसा निकालते हैं। कई बार एटीएम में खराबी के चलते पैसा नहीं निकल पाता। लेकिन मोबाइल पर मैसेज आ जाता है कि आपका पैसा निकल गया। आपके खाते में कितना पैसा बचा हुआ है। ऐसा ही एक किस्सा बालोद एक व्यक्ति के साथ हुआ। उसने 10000 निकाले लेकिन पैसा निकला नहीं तो वह आगे बढ़ गया। लेकिन बाद में मोबाइल में मैसेज आ गया तो वह हैरान रह गया । बैंक गया तो बैंक प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए। कहने लगे कि पैसा आपने निकाला है अब कोई वापसी नहीं होगी। इस पर अधिवक्ता भेष साहू की मदद से ग्राहक ने बैंक प्रबंधन को नोटिस थमा दिया और एक हफ्ते की मोहलत दे कर उन्हें ₹50000 क्षतिपूर्ति व ₹10000 मूल रकम दिलाने की मांग की गई। इसके बाद बैंक प्रबंधन हरकत में आ गई और ग्राहक का पैसा उनके खाते में वापस किए।

सांता उर्फ विजयेंद्र भारती


यह पूरा वाकया जवाहर पारा बालोद के फोर्थ ग्रेड कर्मचारी सांता उर्फ विजयेंद्र भारती के साथ हुआ है।शांता की पत्नी की तबीयत ठीक नहीं थी, तो उसने अपने मेहनत पसीने की कमाई से एक एक रुपया बचा कर रखी हुई रकम को इलाज के लिए निकालने 2 जून 2020 को मधु चौक बालोद में स्थित एचडीएफसी एटीएम में ₹20000 निकालने गया था ।उन्होंने अपनी सुविधा के अनुसार प्रथम बार 10000 निकालने के बाद पुनः ₹10000 निकालने के लिए एटीएम से आवश्यक प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद एटीएम मशीन ने “लेन-देन अस्वीकृत” होने की रसीद उन्हें देने पर वह अपने गंतव्य की ओर चला गया था।

परंतु उसी दिन दोपहर में उनके खाता से ₹20000 आहरण होने की मैसेज आने पर उस गरीब का होश उड़ गया। सदमे में तुरंत भारतीय स्टेट बैंक बालोद में आकर शाखा प्रभारी को तत्काल इस घटना की जानकारी देते हुए लिखित शिकायत किया। परंतु संबंधित बैंक के असंवेदनशील अधिकारी के द्वारा जांच के नाम पर जीरो बटा सन्नाटा कहावत को साबित करते हुए 16 जुलाई 2020 को स्पष्ट तौर से कह दिया कि आपने पूरे ₹20000 का आहरण किया है। इस कारण से हमारी संस्था आपकी मदद करने में असमर्थ है। शांता भारती को अपनी पत्नी के इलाज के लिए पैसे की सख्त आवश्यकता थी। उन्होंने तत्काल में ब्याज पर पैसा लेकर अपनी पत्नी का इलाज कराते रहा। इसी दरमियान किसी ने अधिवक्ता भेष कुमार साहू से मिलकर निराकरण की सलाह देने पर उन्होंने अधिवक्ता से मिलकर अपनी पीड़ा बताई।

बैंक को भेजा गया नोटिस
तब अधिवक्ता ने संबंधित बैंक को विधिक नोटिस भेज कर सात दिवस में ही ₹50000 क्षतिपूर्ति सहित मूल रकम ₹10000 को वापस करने के लिए बैंक को निर्देशित किया था। अन्यथा सक्षम न्यायालय में कार्यवाही करने की चुनौती दी थी। वकील की उपरोक्त नोटिस जाने के बाद बैंक में मची हड़कंप मच गई। नोटिस मिलने के 12 दिन के अंदर ही पीड़ित शांता भारती के खाता में बैंक ने 10000 डाल दिया। अधिवक्ता के उपरोक्त विधिक कार्यवाही से खुश होकर पीड़ित और उसके मोहल्ले वालों ने उन्हें बधाई दी। यह केस अधिवक्ता भेष साहू ने अपने सामाजिक दायित्वों के तहत पीड़ित की ओर से निशुल्क लड़ाई की है।