पुण्यतिथि पर अटल बिहारी बाजपेयी को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ राज्य है बाजपेयी की देन

डोंगरगांव। भारत के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि दी। इस मौके पर स्व. अटल बिहारी वाजपेयीजी की याद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के मुख्यवक्ता जिला भाजपा उपाध्यक्ष दिनेश गांधी थे।
सर्वप्रथम भाजपा कार्यकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता श्री बाजपेयी जी के छायाचित्र पर पुष्प अर्पितकर श्रद्धांजलि दी। पश्चात् उनके सहज, सरल, बेदाग छवि, कवि हृदय, वाकपटुता आदि को याद किया गया। इस दौरान मुख्यवक्ता दिनेश गांधी ने कहा कि भारत हमेशा उनकी उत्कृष्ट सेवा तथा देश की प्रगति में उने प्रयासों को याद रखेगा। उन्होंने कहा कि बाजपेयीजी ने भाजपा की स्थापना से लेकर उसके विस्तार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई थी। देश के करोड़ों कार्यकर्ताओं को देशसेवा के लिए प्रेरित करने में भी उनकी अहम भूमिका रही। वे अनेक कार्यकर्ताओं के रोल मॉडल रहे। श्री गांधी ने कहा कि हिन्दुस्थान को वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत देश के रूप में स्थापित करने में अटल जी का बहुत बड़ा योगदान था।


श्री गांधी ने बताया कि अटल जी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ

तथा उन्होनें प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक अनेक कठिनाइयों का सामना किया, परन्तु अपने उद्देश्य और ध्येय से नहीं डिगे। राष्ट्रधर्म और राष्ट्र सेवा के मार्ग पर चलने के कारण उन्होनें जीवन में अनेक उतार चढ़ाव देखे। देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होनें लीक से हटकर लोकहित में ऐसी – ऐसी योजनाएं लागू की, जो देश के विकास में मील का पत्थर साबित हुई।
उन्होनें कहा कि भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने में उनकी भूमिका को हमेशा याद रखा जायेगा, वहीं चतुर्भुज स्वर्णिम प्रधानमंत्री सडक़ योजना अंतर्गत देश भर में पक्की सडक़ों का जाल बिछाने में तथा कारगिल युद्ध में विजय श्री दिलाने में उनकी भूमिका सराहनीय रही। उन्होनें कहा कि वे कवि थे, लेखक थे, राजनेता के साथ समाजसेवी रहे। प्रखर वक्ता के अलावा उनकी अनेक खूबियां थी, जो एक व्यक्ति में बिरले ही मिल पाती हैं। उन्होनें उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धाजंलि दी।


मंडल अध्यक्ष रामकुमार गुप्ता ने कहा कि भारतरत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी देशभक्ति व भारतीय संस्कृति की प्रखर आवाज थे।

वह एक राष्ट्र समर्पित राज नेता होने के साथ – साथ कुशल संगठक भी थे। उन्होनें कहा कि आज जो हमारे दरवाजों पर या हमारे घर के पतों पर छत् तीसगढ़ का सील ठप्पा लग रहा है तो वह बाजपेयी जी की ही देन है। श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अरूण जैन, संतोष यादव, प्रवेश ठाकुर, अंजू त्रिपाठी, गिरिजाशंकर उयके, राजा जैन, लक्ष्मण साहू सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।