धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि है किसानों के साथ धोखा- चन्द्रप्रभा


बालोद। जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर ने प्रेस के माध्यम से कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य जो मात्र 53 रूपति क्विंटल बढ़ाया है, यह ऊंट के मूंह में जीरा है। एक तरफ किसानो से वोट लेते समय किसानो की आमदनी दोगुना करने की बात करते है वही जब धान का मूल्य निर्धारण करते समय मात्र 53 रूपये की वृद्धि करता है। भाजपा पूर्व में 2013 के चुनाव में 2100 रूपये समर्थन मूल्य एवं 300 रूपये बोनस देने की बात कही थी । आज समर्थन मूल्य उसी के अनुसार दे देते तो भी किसानो के साथ न्याय हो जाता । चंद्रप्रभा सुधाकर ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले साल से ही किसानो के धान का सर्मथन मूल्य 2500 रूपये दे दिये है । उसके बाद अब 1868 रूपये हुआ है तो हमारे छत्तीसगढ़ के किसान के लिए घोर निराशा का विषय है । अभी भी छत्तीसगढ़ मे भूपेश बघेल द्वारा दिये जा रहे धान के मूल्य से 632 रूपये कम है। छत्तीसगढ़ के किसानो को निराशा हाथ लगी है। उन्होने कहा कि केन्द्र की सरकार  स्वामीनाथन कमेटी सिफारिश लागू करेगे कहकर सस्तासीन हुए थे । आज 6 वर्ष व्यतित होने के बाद भी किसानो के प्रति सोच नही बदली। कृषि लागत का डेढ़ गुना देने की बात केन्द्र की सरकार ने सत्ता में आने के पहले किये थे । अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में 460 रूपये की वृद्धि किये है जबकि यू.पी.ए. कांग्रेस कार्यकाल में 890 रूपये की वृद्धि किये थे। 53 रूपये की बढ़ोत्तरी किसानो के साथ भद्दा मजाक है । किसानों की कृषि लागत, लगातार बढ़ता जा रहा है । डीजल,खाद ,बीज,मजदूरी सभी की दरो में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी हो गया है । किसानो को उम्मीद थी की हमारे धान के समर्थन मूल्य 2500 से अधिक किये होते, लेकिन घोषणा के बाद किसानो के साथ भद्दा मजाक हुआ है । इससे किसान घोर उपेक्षा का शिकार हुए है । जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व  जिला पंचायत सदस्य  चंद्रप्रभा सुधाकर ने केन्द्र सरकार से मांग किया है कि किसानो के साथ जो अन्याय हुआ है एवं छला गया है । उसे कम से कम अपने घोषणा के अनुरूप 2500 रूपये क्विंटल देवे । कोरोना 19 के विषम परिस्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ की आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की गई है वह भी किसानो के लिए  निरर्थक है ।