Exclusive- आंचल यादव हत्याकांड- गंदी आदतों से तंग आकर बहन को मौत की नींद सुलाने वाले मुख्य आरोपी भाई सिद्धार्थ को मिली हाईकोर्ट से जमानत, सहयोगी आरोपी मां पहले से है जमानत पर रिहा

दीपक यादव,बालोद। अप्रैल 2019 में धमतरी की रहने वाली कथित मॉडल आंचल यादव की हत्या बालोद जिले के गुरुर थाना क्षेत्र के धानापुरी में हुई थी। घर में ही उनके भाई सिद्धार्थ यादव ने बहन का गला घोट कर लाश को बांधकर नहर में फेंक ठिकाने लगाया था। बाद में पुलिस की काफी मशक्कत के बाद भाई सिदार्थ यादव हत्या के मुख्य आरोपी के रूप में तो वही साक्ष्य छिपाने के आरोप में उनकी मां भी गिरफ्तार हुई थी। इस चर्चित हत्याकांड में लगभग 11 महीने तक जेल की सलाखों के पीछे रहने वाले आरोपी सिद्धार्थ यादव को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। बालोद कोर्ट में अधिवक्ता दीपक सामटकर ने उनकी ओर से पैरवी की थी। उन्ही बिंदुओं को हाईकोर्ट के अधिवक्ता एमके राठी ने भी जज के सामने रखा।

ज्ञात हो कि इस मॉडल की हत्या केस बालोद, धमतरी नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़, देश भर में चर्चा का विषय रही थी कि एक भाई किस तरह अपनी बहन की गलत आदतों से तंग आकर इतना बड़ा कदम उठा लेता है यह इस घटना की कहानी में सामने आया था। बहन की आदतें इस कदर बिगड़ चुकी थी कि वह अपने भाई के नाम का ही कुत्ता पाल कर रखती थी।

सिद्धार्थ को भी यह बात गवारा नहीं होता था और इसी बातों-बातों में आए दिन दोनों के बीच झगड़े फसाद हो जाते थे लेकिन किसी को क्या पता था कि छोटे-छोटे झगड़े एक दिन हत्या का रूप ले लेगी पुलिस ने कई पहुलओं पर जांच के बाद अंततः कुछ सुराग हाथ लगने पर भाई को ही गिरफ्तार किया था। जो बालोद जेल में बंद थे। कुछ दिन पहले ही उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है।

इन आधारों पर मिली जमानत, सबूत बनाने बाद में जाकर छिड़का था पुलिस ने खून

इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस में जमानत दिलाना भी किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन वकील की तर्कसंगत बहस के चलते कोर्ट ने जमानत भी दे दी। बालोद न्यायालय में अधिवक्ता दीपक सामटकर द्वारा किए गए बचाव के आधार पर ही हाईकोर्ट के वकील एमके राठी (पूर्व जिला एवं सत्र न्यायालय रायपुर) ने तर्क दिया था। दरअसल में मामले में जमानत मिलने के पीछे गुरुर पुलिस की एक बड़ी चूक सामने आई। घटनास्थल पर आंचल यादव के कहीं पर कोई खून के छींटे ही नहीं थे ना ही उनके घर पर कोई खून के छींटे पड़े हुए थे। लेकिन पुलिस ने जब आरोपी सिद्धार्थ को गिरफ्तार किया तो उन्होंने घर पर खून के छींटे मिलने बताए थे तो घटनास्थल से भी आंचल के शरीर से ब्लड सैंपल लेने की बात कही गई थी। जबकि सच्चाई यह थी कि पुलिस द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी के पहले अलग से खून निकाल कर घर की दीवारों पर छींट दिया गया था और पुलिस सबूत बनाने के लिए ऐसा की थी लेकिन वकील ने कुछ ऐसे तर्क पेश किए जिससे साबित हुआ कि घटना के पहले वहां कोई खून के छींटे नहीं थे। इन आधारों पर आरोपी भाई को हत्या के केस में जमानत मिल गई तो वही वकील ने केस की पैरवी कर गुरुर पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठा दिया।

कम समय में ज्यादा कमाने की चाहत में रहती थी बाबाओं के चक्कर में ,हाईप्रोफाइल लोगों के साथ था उठना बैठना

बता दें कि उक्त कथित मॉडल आंचल यादव रायपुर में भी रहती थी। आलीशान मकान था तो वहीं अपने हुस्न का जलवा बिखेर कर वह कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की चाहत भी रखती थी और इसी चाहत को पूरा करने के लिए वह तंत्र मंत्र भी सीख रही थी। कोलकाता के एक बाबा के संपर्क में थी तो वहीं कई नामी-गिरामी लोगों के साथ उसका उठना बैठना भी होता था। फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया पर उसके कई बोल्ड तस्वीरें भी पोस्ट हुई थी। इन सब हरकतों के चलते ही उनका भाई उनसे चिढ़ता था और उन्हें समझाता था कि यह सब हरकतें बंद कर दो। इससे हमारी भी बदनामी होती है लेकिन आंचल को तो कुछ और ही सूझती थी , वह अपनी जिद पर अड़ी रहती थी और अपने मन की करती थी। किसी की नहीं मानती थी। इसी बात को लेकर 25 मार्च को धमतरी अपने घर आने के बाद भाई-बहन के बीच झगड़ा हो गया।

विवाद इतना बढ़ा कि पहले आंचल ने ही चाकू निकालकर अपनी भाई की कलाई पर वार कर दिया फिर गुस्से में आकर भाई ने भी अपनी बहन का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया। फिर सुराग छिपाने के लिए उसने आंचल यादव के हाथ पैर पीछे से बांधकर अपनी कार में छिपाकर गुरुर ब्लॉक के मोखा धानापुरी के बीच नहर में फेंक दिया था। जहां उसे पत्थरों से भी लाद कर पानी में डुबाया था लेकिन धीरे-धीरे लाश बाहर आ गई और इस हत्या का खुलासा हुआ।