Exclusive- ट्रैवल हिस्ट्री पार्ट 1- लापरवाही की हद पार- केरी जुंगेरा का बीएसएफ जवान हरेली के दिन गांव में घूमा, सरपंच पति होने के कारण घर में भी कईयों से मिला, रात में मारपीट के केस में रिपोर्ट लिखाने डौंडी लोहारा थाने भी आया, सैकड़ों आ सकते हैं संक्रमण के दायरे में

जवान ने लगाया आरोप- पहली बार लिया गया सैंपल तो रिपोर्ट का कुछ पता ही नहीं चला, दूसरी बार भी खुद के पूछने पर विभाग ने बताया पॉजिटिव आई है, खबर नहीं मिलती तो वह परसों फ्लाइट से त्रिपुरा चला जाता

बालोद। जिले में मंगलवार को मिले तीन नए पॉजिटिव केस के मामले में जब दैनिक बालोद न्यूज़ डॉट कॉम ने भी संबंधित मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री निकाली तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। हम उन बातों को यहां साझा कर रहे हैं ताकि आप भी ऐसे हालातों से सतर्क रहें और खुद को सुरक्षित रख सके तो दूसरों को भी सुरक्षा दे सके। डौंडी लोहारा ब्लॉक केरी जुंगेरा में जो बीएसएफ का जवान कोरोना पॉजिटिव मिला है वह एक दिन पहले हरेली तिहार के दिन गांव में घूम चुका है। गांव में वह कई लोगों से मिला है। गांव का वह चर्चित व्यक्ति भी है। बड़ी बात यह है कि उनकी पत्नी गांव की सरपंच है। ऐसे में सरपंच होने के नाते व बीएसएफ का जवान होने के कारण हरेली के दिन कई लोग उनके घर मिलने के लिए भी आए थे तो वह खुद हरेली की शाम को गांव में भी अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, परिचितों से भी बकायदा मिलकर हाथ मिला कर गले लगा कर घर लौटा है। इतना ही नहीं बीती रात को गांव में कुछ लोगों के बीच मारपीट भी हो गई थी। जिस संबंध में वह रिपोर्ट लिखाने के लिए गांव के लोगों के साथ डौंडी लोहारा थाने तक में आया हुआ था। यह सब बातें हमें उसी मरीज ने बताई जो कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जब हमने उन्हें कहा कि ट्रैवल हिस्ट्री में आपको कोई बात नहीं छुपानी है तभी बाकी लोगों को भी सतर्क और सुरक्षित किया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और जो गलती उनसे हो गई है उन्हें सुधारते हुए वह प्रशासन को भी यह पूरी जानकारी बताएंगे।

विभाग पर उन्होंने लगाया यह आरोप जानकर चौक जाएंगे

बीएसएफ का ये जवान त्रिपुरा में पदस्थ है। जो 15 दिनों की छुट्टी के लिए अपने घर रायपुर फ्लाइट के बाद प्राइवेट गाड़ी से पहुंचा हुआ था। होम आइसोलेशन पर था। घर में उनकी पत्नी व मां रहती है। बच्चे नहीं है। जवान ने यह आरोप लगाया कि उनकी 2 बार सैंपलिंग की गई है। पहली बार जब सैंपल लिया गया तो रिपोर्ट आई ही नहीं। विभाग द्वारा कुछ बताया ही नहीं गया। उन्होंने विभाग के लोगों को खुद फोन करके पूछा कि रिपोर्ट का क्या हुआ, मुझे वापस भी जाना है। तब विभाग के अफसरों ने बताया कि उनकी सैंपल गुम हो गई है फिर से सैंपल देना पड़ेगा। तो 17 जुलाई को फिर उनकी दोबारा कोरोना जांच हुई और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज भी उन्हें यह बताया ही नहीं जा रहा था कि रिपोर्ट पॉजिटिव है। उन्होंने विभाग के एक व्यक्ति को पूछा कि मैं परसों से त्रिपुरा जाने वाला हूं, रिपोर्ट आ गई हो तो बता दो। तब विभाग ने आनन-फानन में जानकारी लेकर बताया कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। रिपोर्ट आ ही नहीं रही थी, रिपोर्ट आने में देरी हुई इसलिए उसने हरेली में घर से बाहर निकलने की गलती भी कर दी। जिसका उसे पछतावा भी है। प्रशासन को सहयोग करने भी तैयार है। वह जहां-जहां गया किस-किस से मिला क्या क्या किया यह बताना चाहता है। ताकि बाकी लोगों को इस महामारी से बचाया जा सके।

बताऊंगा हर बात, नही छिपाउंगा- जवान

दैनिक बालोद न्यूज़ से भी उन्होंने कहा कि मैं कोई चीज छुपाना नहीं चाहता। हर चीज बताऊंगा। बशर्ते विभाग भी अपना काम जिम्मेदारी से करें। रिपोर्ट आने में देरी हुई इसके चलते मुझसे भी गलती हो गई। मेरी पत्नी गांव की सरपंच है। कई लोगों से मेरा मिलना जुलना व जान पहचान है। हरेली के दिन लोग मेरे घर में मिलने के लिए भी आए थे। रिपोर्ट अब तक नहीं आने व दोबारा सैंपल लेने पर मैं भी निश्चिंत था कि मुझे कुछ नहीं होगा और इसी भ्रम वश में हरेली में गांव में घूमने भी निकल गया। कई दोस्तों से भी मिला।