खास खबर-₹2 में गोबर खरीद ₹8 में कंपोस्ट खाद बनाकर बेचेगी गौठान समिति, ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था सुधारने बनी 20 जुलाई से शुरू होने वाली गोधन न्याय योजना पर किसानों के लिए क्या जिम्मेदारी बताई?संसदीय सचिव व विधायक कुंवर सिंह निषाद ने पढ़िए पूरी खबर

आखिर किन कारणों से सरकार की मंशा हो जाती है फेल तो कैसे सुधार सकते हैं उन कमियों को विधायक ने रखी अपने मन की बात

बालोद। छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई हरेली तिहार के दिन से गोधन न्याय योजना की शुरुआत हो रही है। जिले के 50 गौठानो में भी इसकी तैयारी चल रही है। जहां पहले दिन ही किसानों से गोबर खरीदा जाएगा। ₹2 प्रति किलो की दर से गोबर खरीद कर बाद में स्व सहायता समूह और गौठान समिति उन्हें ₹8 प्रति किलो के हिसाब से कंपोस्ट खाद बनाकर बेचेगी। ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था सुधारने के उद्देश्य से सरकार ने इस योजना को शुरू करने की घोषणा की थी। जिसे अब पूरा कर दिया गया है। इस नई योजना की शुरुआत पर संसदीय सचिव व गुण्डरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भी दैनिक बालोद न्यूज़ डॉट कॉम के जरिए कुछ ऐसी बातें कहीं जो जरूरी है कि अगर उनका पालन सही तरीके से हो तो सरकार की हर योजना सफल हो जाए। उन्होंने कुछ कारण भी बताएं जिसके चलते योजना कई बार सफल नहीं हो पाती। इसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। गोधन न्याय योजना को लेकर उन्होंने किसानों की कुछ जिम्मेदारियां भी बताई ताकि जागरूक हो तो सरकार भी योजना का सफलता से क्रियान्वयन कर सके।

यह बातें कहीं संसदीय सचिव ने


छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के बाद सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था सुधारी जाए। इसके लिए ही गोधन न्याय योजना शुरू की गई है। सीएम ने जनता से वादा किया था कि गौठान समिति के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाएंगे। इसका निश्चित तौर पर लोगों को लाभ मिलेगा। स्व सहायता समूह आर्थिक रूप से मजबूत बनेगी। जिससे हम जितने मवेशी के पशुपालक हैं , उन्हें गोपालन के लिए प्रोत्साहित कर सकेंगे तो गोबर भी खरीदकर उन्हें आर्थिक आमदनी देगी। इसके लिए रेट भी तय कर दिया गया है। निश्चित ही गोबर के माध्यम से जहां जहां भी गौठान है वहां पर गोबर के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट खाद को भी बढ़ावा मिलेगा। खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। गोबर गैस प्लांट सहित अन्य योजनाओं को भी सफलता से संचालित किया जा सकेगा।
जनता को दिखानी होगी जागरूकता


इसके अलावा उन्होंने खासतौर से किसानों के लिए जिम्मेदारी बताई कि वे मवेशियों को खुले पर ना छोड़े। सरकार अगर कोई योजना बना रही है, कोई संसाधन दे रही है, समिति बना रही है, गौठान बना कर दे रही है तो जनता की भी जिम्मेदारी बनती है कि सरकार कोई चीज हमें दे रही है तो जनता को भी उन्हें आगे आकर इस काम को पूरा करना चाहिए। उनका कहना है कि अगर हम मवेशियों को गौ माता का दर्जा देते हैं तो उन्हें इस तरह खुले में भूखे और तड़पने को छोड़कर उनका अपमान कदापि नहीं करना चाहिए। यह योजना उन्हीं गौ माता के संरक्षण की दिशा में एक सार्थक प्रयास है जिसका बेहतर परिणाम आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना पूरे भारत में पहली बार शुरू हो रही है। जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ऐसी पहली सरकार है जो गोबर खरीदने जा रही है। उन्होंने इस योजना की शुरुआत पर पशुपालक भाइयों व नागरिकों को सहयोग की अपील के साथ शुभकामनाएं दी।