अनोखी पहल:पर्यावरण संरक्षण के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से बीज की मांग पर भोज साहू पर्यावरण प्रेमी निःशुल्क बीज पोस्ट आफिस के माध्यम से उपलब्ध करा रहे हैं
छत्तीसगढ़ के अनेकों शहर के अलावा आगरा नागपुर जबलपुर जैसे शहरों में बीज पोस्ट आफिस के माध्यम से भेज रहे बीज
दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।आज कल लोग सोशल मीडिया से इस कदर जुड़ चुके हैं कि कब दिन और कब रात होता है पता नहीं चलता है हर कोई सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं कोई अपने समय समय बिताने के लिए करते हैं तो कोई सोशल मीडिया के माध्यम से बिजनेस कर पैसे कमा रहे हैं लेकिन नगर पर्यावरण प्रेमी भोज साहू सोशल मीडिया का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए निशुल्क बीज वितरण कर के कर रहे हैं अभी बारिश आने से पहले जरूरत मंद लोग तक पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने पास एकत्रित किए हुए अनेकों प्रकार के बीज सोशल मीडिया के माध्यम से मांग करने वाले लोगों के पास भेज रहे हैं।
भोज साहू पर्यावरण प्रेमी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यों के लोगों को निःशुल्क बीज भेज रहे हैं
सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले अमलतास लीची व डोंगरगांव के क्षेत्र मशहूर आम का विडियो बनाकर फेसबुक,यू ट्यूब वाट्स एप पर शेयर किया था जिस पर सोशल मीडिया के माध्यम से बीज का मांग करने लगे जिस पर पर्यावरण प्रेमी ने बीज एकत्रित कर पोस्ट आफिस के माध्यम से अपने खर्च पर निःशुल्क बीज उपलब्ध करा रहे है अब तक छत्तीसगढ़ से राजनांदगांव,बालोद, दुर्ग, बलौदाबाजार-भाटापारा , देवभोग -गरियाबंद, कवर्धा मानपुर मोहला बिलासपुर, बेमेतरा जांजगीर चांपा इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बाहर आगरा नागपुर जबलपुर जैसे बड़े शहरों तक निःशुल्क बीज भेजकर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
वृक्षांश के द्वारा बीज एकत्रित करते हुए
भोज साहू पर्यावरण प्रेमी के नन्हे बेटा वृक्षांश भी बीज एकत्रित करने में अपने पिता का मदद कर रहे हैं
भोज साहू पर्यावरण प्रेमी तो लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेकों तरीके से जागरूकता अभियान चलाकर जागरूक करते आ रहे हैं श्री साहू जी विगत 2011 से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत हैं बारिश के दिनों में वृहद वृक्षारोपण जैसे अनेकों कार्य कर चुके हैं वहीं गर्मी के दिनों में पशु पक्षियों के लिए सकोरा दाना पानी का व्यवस्था करते आ रहे हैं। प्रतिवर्ष आम जनों को निःशुल्क बीज सहित पौधे उपलब्ध करते हैं इस वर्ष भी बीज एकत्रित कर रहे उसके 5 वर्षीय नन्हे पुत्र वृक्षांश भी उनके साथ दे रहे हैं उनके नन्हे पुत्र का पर्यावरण संरक्षण के लिए बनायें विडियो सोशल मीडिया पर आसानी से मिल जायेंगे लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने तोतली बोली में अपील करते रहते हैं।
मटका टपक विधि तैयार करते हुए भोज साहू पर्यावरण प्रेमी
पर्यावरण प्रेमी के मटका टपक विधि व सीड़ बाल विधि काफी चर्चा में रहा है
भोज साहू पर्यावरण प्रेमी लगातार अनेकों तरह से एक्सपेरिमेंट करते आ रहे हैं हाल ही में उन्होंने ने अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगांव में मटका टपक विधि से पेड़ पौधे के पानी देने के लिए उपयोग में लाये हुए टपक विधि बहुत ही चर्चा में रहा क्योंकि मटका को छोटा सा छेद कर पानी देते हैं जो पानी बचत के लिए बहुत ही कारगर साबित हो रहा है एक दिवस पानी डालने पर गर्मी के दिनों में दो दिन चलता है वहीं अन्य समय पर चार से पांच दिन भी चल जाता है मटका टपक विधि से पानी धीरे-धीरे रीझकर जड़ में टपकता है वहीं पशु पक्षियों के लिए भी पानी काम आ जाता है।सीड बाल भी मिट्टी के लड्डू बनाकर मिट्टी के लड्डू के बीच में बीज डालकर बारिश के दिनों में खाली जगह छिड़काव करने से पौधे आसानी उग जाते हैं। अस्पताल में आये मरीज व मरीज़ के परिजनों को इस वर्ष भी नीम महुआ करंज का बीज वितरण करने के लिए एकत्रित कर रहे हैं।