आस्था से जुड़े ज्योत कलश का उपयोग मटका टपक विधि के माध्यम से अस्पताल के पेड़ पौधे को पानी दे रहे हैं भोज साहू पर्यावरण प्रेमी

मटका टपक विधि पानी सिंचाई करने का कारागार विधि के साथ साथ पानी बचत के लिए बेहतरीन तरीका है

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव। नवरात्रि के नाम सुनते ही ज्योत ज्वारा व कलश हमारे दिमाग में आता है आना भी लाजमी है क्योंकि नवरात्रि में आस्था के दीपक जो जलते हैं लेकिन क्या आप के मन कभी ख्याल आया कि इस ज्योत ज्वारा के व विसर्जन के बाद बचे हुए मटका कलश का कोई उपयोग हो सकता है। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगांव में रेडियोग्राफर के पद पर कार्यरत भोज साहू पर्यावरण प्रेमी ने इन्हीं कलश का उपयोग अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगे पेड़ पौधे को पानी सिंचाई करने के लिए लिए कर रहे हैं। आस्था का कलश नगर के चंडी मंदिर में रखे हुए थे जिसे मंदिर के पुजारी दिलीप भगत को अपने इस मटके का उपयोग पर्यावरण संरक्षण में कर सकते हैं उनका जानकारी देने के बाद पुजारी ने लगभग 30 मटका भोज साहू पर्यावरण प्रेमी को सौंप दिया इसी मटका से अब अस्पताल परिसर में सिंचाई हो रहा है।

क्या है मटका टपक विधि और कैसे पानी की सिंचाई होगा जाने

इस मिट्टी के मटकों को पेड़ या पौधे की जड़ों के पास जमीन में दबा दिया जाता हैं, साथ ही इसमें पानी भरकर रख देते हैं. इसके बाद मटके के तले में एक छोटा सा सुराख किया जाता है, जिससे पौधे की जड़ों में पानी बूंद-बूंद करके टपकता रहता है. इस तरह पौधे की जड़ों में नमी बनी रहती है. इस कारण पौधा हरा-भरा रहता है और पेड़ जलता नहीं है.इसके साथ ही मटके का पानी छोटे छोटे जीव जन्तु जैसे सरीसृप, चिड़िया चींटी अपने प्यास बुझाने के लिए भी कर सकते हैं ।मटके के साइज के हिसाब से दो से तीन दिन तक पानी भरा रहता है जो धीरे-धीरे पानी पौधे के जड़ तक पहुंचता है इसका सामान्यतः रेतीले व चट्टान वाले स्थान पर कर सकते हैं इसी विधि से पानी की बचत होता है ऐसे भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगांव में पानी किल्लत बना हुआ है पानी के समास्या के लिए गर्मी में सिंचाई के कारागार साबित होगा। इस पहल के लिए डां रागिनी चंद्रे खंड चिकित्सा अधिकारी व राकेश कुर्रे बीपीएम ने प्रशंसा कर रहे हैं ।



सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हो रहा है कायाकल्प

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कायाकल्प के जिम्मेदारी सभी कर्मचारी मिलकर साफ सफाई रंग रोहन कर रहे हैं जिससे अस्पताल परिसर में पहुंचते ही देखने को मिल जायेगा। सभी अपने जिम्मेदारीपूर्वक अस्पताल के कायाकल्प में सहयोग कर रहे हैं। इनका रहा विशेष सहयोग बी देवांगन नर्सिंग सिस्टर ,रोमन सिन्हा, शुभम् गुर्वे,विशाल खत्री,जितेन्द्र साहू, बसंत मालेकर,विनोद बारले,दकालदास मार्कण्डेय,नमीता,पुष्पा लाउत्रे सहित अस्पताल के कर्मचारी सहयोग कर रहे हैं।

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