अनियमित कर्मचारियों के द्वारा पुरे प्रदेश भर में सरकार से नियमितकरण करने के मांग को लेकर निकालें गए नियमितीकरण रथयात्रा का डोंगरगांव में स्वागत किया

15 मई को जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण मंदिर से शुभारंभ किया है जिसका समापन 21 जून को रायपुर में होगा

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव। सर्व अनियमित कर्मचारियों के द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार से अपने नियमितीकरण मांगों को लेकर कमर कस लिए और एक आंदोलन के रूप में शुरूआत 15 मई को जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण मंदिर से पुजा अर्चना करके शुभारंभ करते हुए पुरे छत्तीसगढ़ के 33 जिले से होकर गुजर रहे हैं 05 जून को राजनांदगांव जिले के विभिन्न विकासखंडों में रथयात्रा गुजरे जिसके बाद जिलाभर के कर्मचारी एक दिवस का अवकाश लेकर शामिल हुए थे और कलेक्टर को अपने मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपे। आज मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी जिले की ओर मनोकामना रथ प्रस्थान किया तो डोंगरगांव के स्वास्थ्य विभाग के अनियमित कर्मचारियों ने रथयात्रा को रोकवाकर रथयात्रा में शामिल पदाधिकारियों को स्वागत सम्मान किया ।

छत्तीसगढ़ में चुनावी समर के बीच सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संविदा कर्मचारियों से नई चुनौती मिल रही है। प्रदेशभर के सभी संविदा कर्मचारी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर विरोध-प्रदर्शन करने की चेतावनी दे चुके हैं। 15 मई से सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में ‘संविदा नियमितीकरण रथयात्रा’ बिगुल फुंक दिया है, जो प्रदेश के सभी 33 जिलों से होकर गुजर रहे हैं इसमें जिले के सभी संविदा कर्मी 1 दिन की छुट्टी लेकर धरना-प्रदर्शन करेंगे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंप रहे हैं।

बता दें कि ये रथयात्रा 21 जून तक चलेगी, जिसके बाद भी अगर सरकार इन संविदा कर्मियों की मांगों को नहीं मानती तो ये आगे तालाबंदी कर बड़े आंदोलन को भी तैयार हैं। महासंघ के अनुसार इस यात्रा का अंतिम जिला रायपुर होगा, जिसमें एक विशाल प्रदर्शन की भी योजना है और इसके आगे इस विरोध-प्रदर्शन को अनिश्चितकालीन आंदोलन का रूप दिया जाएगा। जिसमें संविदा कर्मचारियों की यह मांग रहेगी कि मानसून सत्र में प्रस्तुत अनुपूरक बजट में अनिवार्य रूप से नियमितीकरण का अपना वादा सरकार पूरा करे, क्योंकि ‘अब नहीं तो कब’?

सुरेश यादव जिला संयोजक सर्व अनियमित कर्मचारी संघ राजनांदगांव ने कहा कि

सरकार अगर मांगे नहीं मानती, तो हो सकती है तालाबंदी यादव ने बताया कि फिलहाल प्रदेश के 54 सरकारी विभागों में करीब 45 हजार संविदा कर्मी तैनात हैं। जो सरकार द्वारा नियमितीकरण की आस सालों से लगाए हुए हैं। ऐसे में अगर कोई घोषणा जल्द नहीं होती तो ये सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाने को मजबूर होंगे, जिससे सभी विभागों में तालाबंदी की नौबत आ सकती है।

राकेश कुर्रे ब्लाक अध्यक्ष डोंगरगांव ने कहा कि

भूपेश बघेल सरकार को सत्ता में आए चार साल से अधिक का समय बीत गया है लेकिन कर्मचारियों से किये उनके वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। जब वो विपक्ष में थे, तब वे संविदा कर्मियों के धरनास्थल पर आते थे। अपने मेनिफेस्टो में भी उन्होंने सभी अनियमित कर्मियों को नियमित करने का लिखित वादा किया था। लेकिन अब अपने आखिरी बजट में भी उन्होंने इस मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। इसको लेकर राज्य के सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों में नाराजगी है।बघेल सरकार के इस साल फरवरी में पेश आखिरी पूर्णकालिक बजट में इन पर कोई संज्ञान ही लिया गया। ऐसे में सरकार ने इन संविदा कर्मियों को एक बार फिर सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है।

नियमितकरण रथ यात्रा के स्वागत में अनियमित कर्मचारी राकेश कुर्रे बीपीएम,डां किरण गायकवाड़,डां मीनू पाटिला,डां भूमिजा तिवारी,डां आशीष वाशिंग, संतोष देशलहरे डाटा एंट्री ऑपरेटर,रोशन देवांगन लैब टेक्नीशियन,रोमन सिन्हा डेन्टल सहायक,हितेश काटले एसटीएलएस, रितुराज ध्रुव फार्मासिस्ट ,मधु जोशी एएनएम, शिव साहू वाहन चालक व भोज साहू प्रांतीय संयुक्त सचिव छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ सहित कर्मचारी उपस्थित थे।