भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ गाजे बाजे के साथ निकली शोभायात्रा 25 दिसंबर को रमन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री पहुंचेंगे भागवत कथा श्रवण करने
भागवत कथा में जीवन का सार – विष्णु अरोरा
दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।नगर के प्रतिष्ठित गांधी परिवार द्वारा आज से आयोजित परिवार श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का शुभारंभ भव्य तथा विशाल कलश यात्रा के साथ हुआ। गाजे बाजे तथा सुमधुर भजन के साथ निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में पीतवस्त्रधारी महिलाएं, बच्चे तथा आमजन सम्मिलित हुए। भागवत कथा में आज पहले दिन वेदीपूजन, कलशपूजन, देवपूजन, देवस्थापना के साथ कथावाचक पं. विष्णु अरोरा ने गोकर्ण तथा परीक्षित जन्म की कथा सुनाई।
कलश यात्रा का शुभारंभ स्थानीय हनुमान मंदिर प्रागंण से हुआ। भजन कीर्तन तथा गाजे बाजे के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में छोटे छोटे बच्चे, श्रद्धालु युवक युवती, गणमान्यजन तथा महिलाओं ने हिस्सा लिया। कलश यात्रा में पीले वस्त्र धारण की हुई कन्याएं व महिलाएं सिर पर कलश धारण किए हुए चल रही थीं। श्रीमद् भगवद् गीता के साथ निकाली गई कलशयात्रा नगर के विभिन् न मार्गों का भ्रमण करने के बाद कथास्थल पहुंची। इस बीच कलश यात्रा का नगर में जगह जगह स्वागत किया गया।
पश्चात् कथास्थल पर पूरे विधिविधानपूर्वक वेदीपूजन, कलशपूजन, देवपूजन, देवस्थापना किया गया। इस अवसर पर आज पहले दिन कथावाचक बालयोगी विष्णु अरोरा ने भगवत् कथा के माहात्म्य पर प्रकाश डाला। उन्होनें गोकर्ण की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं को धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए उन्होनें कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है। आवश्यकता है निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है, वहीं भागवत श्रवण से प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है। भागवत श्रवण मनुष्य के सम्पूर्ण क्लेश को दूर कर हमें भक्ति की ओर अग्रसर करती है। उन्होंने अच्छे और बुरे कर्मों की परिणिति को विस्तार से समझाते हुए आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी ओर गौमाता के पुत्र गोकरण के कर्मों के बारे में विस्तार से वृतांत समझाया और धुंधकारी द्वारा एकाग्रतापूर्ण भागवत कथा श्रवण से प्रेतयोनी से मुक्ति होना बताया। वही धुंधकारी की माता द्वारा संत प्रसाद का अनादर कर छल, कपट से पुत्र प्राप्ति और उसके बुरे परिणाम को समझाया।
कथाव्यास पर विराजमान विष्णु अरोरा ने आज कहा कि छलछिद्र जब जीवन में आ जाए तो भगवान भी उसे ग्रहण नहीं करते हैं। निर्मल मन प्रभु को स्वीकार्य है। छलछिद्र रहित और निर्मल मन भक्ति के लिए जरूरी है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल होगें कथा में शामिल
आज से प्रारंभ श्रीमद भागवत् कथा में कल 25 दिसंबर को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आने की सूचना प्राप्त हुई है। वे कल कथाप्रवाह में शामिल होकर कथा श्रवण करेगें। भागवत कथा अंतर्गत कल वराह अवतार तथा ध्रुव चरित्र की कथा होगी।