शहीद संतराम साहू के नाम से जाना जायेगा जिले के इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का नाम राज्य सरकार ने जारी किया पत्र
राज्य सरकार के पत्र जारी होने से राज्य सरकार को साहू समाज के लोग धन्यवाद ज्ञापित किया है
दैनिक बालोद न्यूज/डेस्क।छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के कसडोल विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नामकरण शहीद संतराम साहू के नाम करने के लिए राज्य सरकार ने आज पत्र जारी किया गया है इस पत्र जारी होने से साहू समाज के सामाजिक गण राज्य सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है और सामाजिक जनो ने कहा है कि राज्य सरकार शहीद संतराम साहू के नाम पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नामकरण करके शहीद को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित किया है ।
कौन है शहीद संतराम साहू
12 जुलाई 2009 को राजनंदगांव जिले के मदनवाड़ा में पुलिस- नक्सली मुठभेड़ के दौरान एसपी बीके चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे. उस 29 जवानों में एक जवान संतराम साहू भी थे, जो कसडोल के रहने वाले थे. संतराम की शहादत ने कसडोल का नाम अमर कर दिया और आज भी शहीद संतराम जिले व नगर वासियों के दिलों में बसे हैं. शहीद संतराम की शहादत के 13 साल पूरे हो हो गए हैं.।
आपको बताना चाहुंगा कि 19मई 2007 को संतराम के लिए सबसे बड़े खुशी का दिन था. इस दिन संतराम पुलिस की परीक्षा पास कर राजनादगांव के लिए रवाना हुए. राजनादगांव में संतराम की पहली पोस्टिंग हुई. इस दिन संतराम के परिजनों के साथ-साथ नगर वासी भी काफी खुश थे. शहीद संतराम की पोस्टिंग करीब साल भर तक राजनादगांव जिला मुख्यालय में थी. जिसके बाद एक साल की ट्रेनिंग के लिए मैनपाट चले गये. ट्रेनिंग खत्म होते ही संतराम की ड्यूटी कुछ दिनों के लिए विधानसभा में लगा दी गई. विधानसभा की ड्यूटी खत्म होते ही शहीद संतराम एक महीने की छुट्टी लेकर अपने घर कसडोल आए संतराम काफी दिनों बाद अपने परिवार से मिलकर काफी खुश था. एक महीने घर में छुट्टी बिताने के बाद 29 जून 2009 को संतराम अपने डयूटी के लिए रवाना हो गया।
इसके बाद 12 जुलाई 2009 को संतराम मदनवाड़ा मुठभेड़ में शहीद हो गए. संतराम शहीद होकर अमर हो गये. लेकिन उसके माता-पिता का इस बुढ़ापे में और कोई दूसरा सहारा नहीं है. आज राज्य सरकार ने शहीद के नाम पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल का रखने का निर्णय लिया गया है जो शहीद संतराम साहू को उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है । इससे शहीद के माता पिता काफी खुश हैं।