विद्यार्थियों ने पुराने सिक्के व विदेशी मुद्रा के बारे में प्रर्दशनी के माध्यम से ली जानकारी
बच्चों के जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए लगाया गया था प्रदर्शनी
दैनिक बालोद न्यूज/डौंडीलोहारा।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संजारी में शिक्षक शिवेन्द्र बहादुर साहू के निर्देशन व कला संकाय के समस्त छात्र छात्राओं के द्वारा विदेशी मुद्राओं की प्रर्दशनी आयोजित की गई। साथ ही ब्रिटिश कालीन कुछ पुराने सिक्कों की भी प्रर्दशनी लगाई गई। विदेशी मुद्राओं अंतर्गत अमेरिकी डालर, आस्ट्रेलियाई डालर, नेपाल, वियतनाम, कतर, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका के असली नोटों व सिक्कों की प्रर्दशनी लगाई गई। साथ ही पाकिस्तान, यूरोपीय संघ की मुद्रा यूरो, जापान, रूस, बांग्लादेश, कनाडा, सिंगापुर, श्रीलंका आदि देशों की प्रतिकृति नोटों की प्रर्दशनी लगाई गई।
ब्रिटिश काल के सिक्कों से भी विद्याथिर्यों को रूबरू कराया गया
शिक्षक शिवेन्द्र बहादुर साहू ने बताया कि बच्चों की जिज्ञासा को शांत करना एक शिक्षक का मुख्य दायित्व होता है, कक्षा बारहवीं के राजनीति विज्ञान अंतर्गत बच्चों को जब यूरोपीय संघ, दक्षेस, आसियान , संयुक्त राष्ट्र संघ, ब्रिक्स , इत्यादि अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय संगठनों के बारे में पढ़ाया जाता है तो सहज रूप से बच्चों के मन में प्रश्न उठता है कि हमारे देश भारत के अतिरिक्त विश्व के अन्य देशों की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक , सांस्कृतिक स्थिति कैसी है व वहां कौन कौन सी मुद्राओं का प्रचलन है, इन सभी देशों की मुद्राओं का नाम क्या है, और हमारे भारतीय रूपये व अन्य देशों की मुद्राओं का आनुपातिक मूल्य कितना होता है, बच्चों की इन्हीं सभी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए ” आओ जाने विदेशी मुद्राओं के बारे में” का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी से जहां बच्चों को विभिन्न देशों की मुद्राओं की जानकारी मिली, वहीं उनके प्रति रूचि भी जागृत हुई। विद्यार्थियों ने एक साथ मुद्राओं के देश, उनके प्रचलित समय, उनकी कीमत व नाम की भी जानकारी मिली। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों सहित संस्था के शिक्षक शिक्षिकाओं प्रभारी प्राचार्य श्रीमती पद्मा कोठारी, डोंगरमल रामटेके, आलोक विश्वकर्मा, श्रीमती बबीता दीवान, श्रीमती अर्पणा वर्मा, श्रीमती किरण शिवाने, श्रीमती नंदिनी जोशी, दिनेश कुमार धरमगुड़े, देवी लाल ठाकुर, तीजू राम कुमेटी, सुधीर यादव, भृत्य श्रीमती गिरिजा बाई भुआर्य आदि उपस्थित थे। नोटों के संकलन व उपलब्धता हेतु डौंडीलोहारा के व्यवसायी संदीप जैन व तरूण जैन का विशेष योगदान रहा।