बड़ी खबर- सड़क निर्माण में देरी व सिस्टम की लाचारी का दंश झेल रहे हैं यहां के किसान, धान बो चुके पर घुटने भर खेत में भरा है पानी, लापरवाही किसी की और सजा मिली किसी और को? पढ़िए पूरा मामला,,,
पीडब्ल्यूडी बनवा रही है 49 करोड़ की सड़क पर 2 साल बाद भी अधूरे हैं काम, किसान बोले धान बो चुके अब पानी 1 हफ्ते से भरा है, दिया जाए हमें मुआवजा
बालोद। बालोद ब्लाक में जुंगेरा से अर्जुंदा मार्ग पर निर्माणाधीन सड़क व पुल पुलिया के काम में एक ऐसी लापरवाही सामने आई है कि इसका खामियाजा गांव के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान मानसून सक्रिय होने के बाद खेतों में धान बो चुके थे लेकिन बारिश से उनके खेत जलमग्न हैं तो खेत से पानी निकालने का रास्ता भी बंद हो गया है। वजह है पीडब्ल्यूडी व संबंधित ठेकेदार की लेटलतीफी। यह पूरा मामला ग्राम जगन्नाथपुर का है। जहां पर कई किसानों के खेतों में घुटनों तक पानी भरा हुआ है। 1 हफ्ते से पानी भरे होने से बीज पूरी तरह से खराब हो जाएगी तो वही निकासी का कोई रास्ता ना बनने से किसानी पूरी तरह से चौपट हो जाएगी। ऐसा कहना है यहां के किसानों का, जो कई बार अधिकारी और ठेकेदार से भी शिकायत कर चुके लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
पुलिया बनाने में देरी भुगत रहे हैं हम
किसान सोमन साहू, ललित देशमुख, जीआर दीपक ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के द्वारा सड़क चौड़ीकरण के दौरान गांव में जहां जहां पर पानी भरता था वहां पर निकासी पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन संबंधित ठेकेदार द्वारा पुलिया निर्माण में काफी देरी की गई है बरसात के पहले यह निर्माण हो गया रहता तो हमें राहत मिलती लेकिन अधूरा निर्माण हमारे लिए ही आफत बनकर खड़ी हो गई है । परेशानी हमें झेलनी पड़ रही है और ठेकेदार मजे में है।
जो धान बोए हैं वह हो जाएगी खराब फिर से करनी पड़ेगी बोनी
किसानों ने कहा निकासी का रास्ता ही पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अगर यही स्थिति रही तो किसानों को दोबारा बोनी करनी पड़ेगी। किसानों को आशंका है कि एक 1 हफ्ते से खेत में पानी भरा है तो उनका धान वैसे ही खराब हो गया होगा। अगर पानी निकल भी जाएगा तो हमें दोबारा बोनी करनी पड़ेगी इससे हमारी खेती किसानी का काम लगभग एक माह पिछड़ने का अनुमान है।
काम में हो रही है 2 साल से ज्यादा की देरी
ज्ञात हो कि लगभग 49 करोड़ की लागत से सिंघानिया बिल्डर्स कंपनी के माध्यम से उक्त सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है। 2 साल से ज्यादा वक्त गुजर चुके हैं लेकिन अब तक निर्माण कार्य अधूरा है। चौड़ीकरण के तहत सिर्फ डामरीकरण हुए हैं लेकिन सड़क किनारे मुरूम डालने व फिनिशिंग का काम अब तक बचा है तो वही बरसाती पुलिया भी कई जगह अधूरे हैं। इन सब अधूरेपन का खामियाजा आसपास के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।