जनपद पंचायत के सरकारी दफ्तर में जादूगरी,कामकाज छोड़कर कर्मियों ने उठाया आनंद, अधिकारी से लेकर कर्मचारी बने रहे तमाशाबीन

पहुंचे जादूगर ने समय का सदुपयोग करते हुए जनपद पंचायत सहित विभिन्न कार्यालय में पहुंच कर दिखाया तमाशा और बटोरा रूपया

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।प्रशासनिक कामकाज में तेजी लाने के लिए हाल ही में राज्य सरकार ने पांच दिन कामकाज और दो दिन अवकाश देने का निर्णय लिया है। सरकार का सोचना है कि ऐसा करने से सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को राहत मिलेगी साथ दिगर खर्चों में कमी आने के साथ काम में गतिशीलता आएगी, किन्तु विधानसभा मुख्यालय के दफ्तरों में पुराना ढर्रा ही दिखाई दे रहा है। लापरवाही का आलम यह है कि बुधवार को काम धाम छोड़कर अधिकारी कर्मचारी जादू का मजा ले रहे थे।

जानकारी के अनुसार स्थानीय जनपद पंचायत में बुधवार को पंचायत सचिवों की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में नरवा, गरवा घुरवा बारी, मनरेगा सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा करने के साथ प्रगति पर विचार किया जाना प्रस्तावित था। यसभाकक्ष में आयोजित बैठक के पहले सचिवों को दिखाया गया। जानकारी के अनुसार अधिकारियों की अनुमति से नागपुर से आजादूगर में सरकारी दफ्तर को अपनी

ऐसे चला खेल

जानकारी के अनुसार नागपुर में आए जादूगर ने अपने हुनर का प्रदर्शन करने के बाद अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेते हुए उन्हें प्रमाण पत्र भी ले लिया और उसे अन्य कार्यालय के अधिकारी को दिखाकर वहां भी जादू का प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि एक दिन में उक्त जादूगर विभिन्न दफ्तरों से हजारों रुपए बटोरने में कामयाब हो गया। सवाल यह है कि क्या अधिकारी कामकाज के समय में मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दे सकते हैं?

हुनर दिखाने का मंच बनाते हुए मौजूद लोगों से वसूली भी की जानकारी के अनुसार उक्त नगर में मंडई में कला दिखाने भाव से आये है। एक दिन पहले शहर में घूम घूम कर तमाशा दिखाएं।

पंचायत तमाशा

जनपद पंचायत कार्यालयीन अवधिम कार्यक्रम आयोजित कर जादूगर ने सरकार के काम काज और योजनाओं की प्रगति की जानकारी देने पहुंचे विभिन्न ग्राम पंचायतों के सचियों को अपना हिस्सा बना दिया। जादूगर ने कुछ सचियों को सामने बुलाकर अपनी बाजीगरी से करतब दिखाते हुए उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों का भरपूर मनोरंजन किया। हैरानी वाली बात यह रही कि इस आयोजन से काम काज के प्रभावित होने के बाद भी अधिकारी मुकदर्शक बनकर मजा लेते रहे। इस मामले को लेकर प्रशासनिक अमले और जनसामान्य में काफी तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि वर्तमान में हुए बदलाव के बाद काम करने के दिए कम हो गए है।

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