ऐसी क्या थी वजह कि 14 साल के बच्चे ने जंगल में जाकर लगा ली मौत को गले? पढ़िए पूरी खबर
पैरेंट्स की अनदेखी, अशिक्षा व बच्चों का जिद्दीपन है इस आत्महत्या की प्रमुख वजह
बालोद। जिले के गुरुर थाना क्षेत्र के ग्राम नारागांव निवासी हेमंत मंडावी 14 की लाश जंगल में मंगलवार को मिली थी। जिसने नर्रा के जंगल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। लाश लगभग 3 से 4 दिन पुरानी हो गई थी। परिजनों के अनुसार हेमन्त 18 जून को शाम 4 बजे से घर से निकला हुआ था। पहले रस्सी के सहारे एक पेड़ पर फांसी लगाई थी। जिसके शव को जानवरों नहीं भी नोंच लिया था तो शरीर में कीड़े भी पड़ गए थे। स्थिति इतनी दर्दनाक थी कि सिर भी धड़ से अलग हो गया था और सिर में भी सिर्फ हड्डियां बची थी।


जिद्दी स्वभाव का था बेटा
पिता संतोष मंडावी ने बताया कि उनका बेटा जिद्दी स्वभाव का था। कभी भी घर से गायब हो जाता था तो दो-तीन दिन बाद घर से लौटता था। उन्हें लगा कि वह उनके एक रिश्तेदार के घर हर हर्राठेमा गया होगा। इसलिए उसने कोई खबर भी नहीं ली। दो दिन बाद भी घर नहीं लौटा तो उसने अपने रिश्तेदार को फोन भी लगाया लेकिन नंबर बंद बताता रहा। इस बीच मंगलवार को उन्हें पड़ोसी ग्राम नर्रा के एक व्यक्ति से पता चला कि जंगल में किसी ने फांसी लगा ली थी। जिसकी लाश नीचे सड़ी हुई मिली है। अंदेशा होने पर संतोष जंगल में जाकर देखा तो यह उनका ही बच्चा निकला। पास में ही रखे बैग, मोबाइल व कपड़ों से उन्होंने अपने बच्चे को पहचाना। संतोष का कहना है कि घर में कोई विवाद भी नहीं हुआ था आखिर किस कारण से उनके बच्चे ने इतना बड़ा कदम उठा लिया उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा है।

पुलिस का क्या कहना
इधर टीआई जीएस ठाकुर का कहना है कि परिजनों का बयान लेकर मामले की जांच की जा रही है। आत्महत्या की असल वजह क्या हो सकती है अभी पता नहीं चला है। बच्चा जिद्दी स्वभाव का था। कुछ माह पहले बच्चा अपने एक रिश्तेदार के साथ महाराष्ट्र में काम करने तक चला गया था। 6 वी के बाद पढ़ाई छोड़ दिया था। पिता के अनुसार वह पढ़ाई में ध्यान नही देता था, स्कूल से भी भाग जाता था।