छत्तीसगढ़ के फार्मासिस्ट आईपीए (इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन) के बैनर तले विभिन्न मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन किया
दैनिक बालोद न्यूज/रायपुर।शासन की व्यवस्था से नाराज आइपीए (इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन) ने आज अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के फार्मासिस्ट हजारों की संख्या में रायपुर में आकर धरना दिया ।इनकी मांगे हैं कि राज्य में 6232 शासकीय अस्पताल है. लेकिन यहां ना के बराबर फार्मासिस्ट की नियुक्ति हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे फार्मासिस्ट की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा रोक दी गई है. वहीं फार्मासिस्टों की डिग्री लेकर बड़े व्यावसायी अवैध मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों और विभाग में फार्मासिस्ट नहीं होने की वजह से अस्पतालों में गलत दवाएं देने की शिकायत आए दिन सामने आती है. सीजीएमएसी, सरकारी अस्पतालों में दवाओं की गलत खरीदी, घटिया दवाओं की सप्लाई जैसे भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में फार्मासिस्टों ने राज्य सरकार से समस्याओं के जल्द निराकरण की मांग की है।
डॉ विनोद कुमार वर्मा ने बताया कि आज के दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को अचानक ही फांसी दे दी गई थी, इसलिए हम आज के दिन ही आंदोलन कर रहे है. राज्य सरकार हमारी वैकेंसी के लिए ध्यान नहीं दे रही है. बहुत सारे अस्पतालों का निर्माण हो चुका है लेकिन उसमें फार्मासिस्ट के कोई पद स्वीकृत नहीं हुए हैं, अनियमित फार्मासिस्ट का नियमिततीकरण करना चाहिए।
राहुल वर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में ऐसे 80 प्रतिशत दवाई की दुकान है, जहां फार्मासिस्ट की डिग्री किराए पर ली जाती है और मेडिकल स्टोर संचालित किया जा रहा है. ऐसे दुकान के संचालकों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. आज फार्मासिस्ट द्वारा संचालित सभी मेडिकल स्टोर्स बंद है. एम्स, डीकेएस, मेकाहारा, रेड क्रॉस जन-औषधि केंद्र आज के लिए बंद कर दिये गए है।
वैभव शास्त्री ने बताया कि प्रदेश में 19 हजार फार्मासिस्ट है, उनका आक्रोश आज राज्य सरकार को नजर आएगा. कोरोना संक्रमण के फैलाव के बाद भी हम प्रदर्शन को मजबूर है. हमने छत्तीसगढ़ में दवा लॉकडाउन किया है. जिससे आम जनता को परेशानी तो होगी लेकिन सरकार हमारी परेशानी नहीं समझ रही है. 19 हजार फार्मेसिस्ट में से 18 हजार फार्मेसिस्ट बेरोजगार बैठे हैं