आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चन्द्रप्रभा को मंत्री के सामने बोलना पड़ा यहां प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं होता? पढ़िए पूरा मामला दैनिक बालोद न्यूज़ पर

बालोद। बीते 2 दिनों से बालोद जिले की राजनीति में एक किस्सा वायरल हो रहा है। इस वायरल का सच क्या है यह जानने की उत्सुकता हर किसी में है। वह वायरल बात है गोधन न्याय योजना के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर को कुर्सी ना मिल पाना। जब हमने मामले की तह तक जाने के लिए सीधे चंद्रप्रभा सुधाकर से ही जानकारी ली तो कुछ बातें सामने आई। उन्होंने सीधे जिले के प्रभारी व खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत के सामने नाराजगी जाहिर कर के स्थानीय प्रशासन की शिकायत की है कि यहां प्रोटोकॉल का कोई पालन ही नहीं हो रहा है। दरअसल में गोधन न्याय योजना की शुरुआत पर हरेली के दिन जब वह मिर्रीटोला पहुंची तो मंत्री जी का कार्यक्रम समाप्ति की ओर था उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देशलहरा के बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिल पा रही थी। तो दोनो पीछे ही खड़ी रही। बाद में नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने उठकर सोनादेवी को कुर्सी दी। यहीं से चंद्रप्रभा के मन में स्थानीय प्रशासन के प्रति नाराजगी बन गई। जिसे उन्होंने पुरूर में एक ढाबे में चाय पीने के दौरान मंत्री अमरजीत भगत, कलेक्टर जन्मेजय महोबे व एसपी जितेंद्र सिंह मीणा के सामने भी जाहिर की।

आखिर क्या बोली ढाबे में मंत्री के सामने पढ़िए यह बातें – “जैसा उन्होंने दैनिक बालोद न्यूज़ को बताया”

ढाबे में आई और पीछे की कुर्सी में बैठने लगी। यह देखकर मंत्री अमर जीत सिंह भगत ने उन्हें कहा कि पीछे क्यों बैठ रहे हैं सामने आ जाइए। तो मैं कहने लगी कि मैं यही पीछे ही ठीक हूं। यहां तो प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्थानीय प्रशासन की शिकायत मंत्री से की कि मंच पर भी उनके लिए चेयर नहीं लगा था। जिला पंचायत अध्यक्ष भी उनके साथ पीछे खड़ी हुई थी जबकि दोनों के लिए मंच पर चेयर होना था प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। यह बात स्थानीय प्रशासन को समझ में नहीं आ रही है।

मैं निर्धारित समय पर ही पहुंची थी


जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर का कहना है कि मैं मंत्री जी के निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार ही दोपहर 2:30 बजे मिर्रीटोला पहुंची थी लेकिन वहां जाने पर पता चला कि कार्यक्रम पहले चालू हो गया था। मंत्री जी चिरचारी के बाद भोजन के लिए जाने वाले थे। भोजन के बाद उनका दूसरी जगह पर कार्यक्रम था। उस हिसाब से तय समय के हिसाब से ही मैं गई लेकिन वहां 2:37 बजे कार्यक्रम संपन्न हुआ। कुछ देर तक ही वहां रह पाई। जब ढाबे में मंत्री जी एसपी कलेक्टर सहित बैठे हुए थे तो वहां मैंने सबके सामने सार्वजनिक रूप से इस बात को रखी है कि यहां स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं किया रहा है। मेरे व जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए भी मंच पर कुर्सी नहीं रखी गई थी। जबकि उन्हें यह सब पता होना चाहिए। इसलिए मैं नाराजगी वश मंत्री के पास भी पीछे की कुर्सी में बैठी थी।