राशन के काला बाजारी कैसे चल रहा है देखें साहब आम जनता को लूट रही है ये मोहतरमा चिल्हर की किल्लत बताकर 17 का शक्कर 20 में और चांवल में कांटा मारी देखें …..

चिल्हर नहीं लाते इसलिए शक्कर 20 रूपए में देते है आये दिन सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इस तरह की कुछ न कुछ गड़बड़ी सुनने को मिलती रहती है।

बालोद।शासन की योजनाओं का लाभ हितग्राहियो तक पहुचाने वाले लोगो ने अपनी खुद की तिजोरी भरने के लिए कैसे कैसे हथकंडे अपनाते है इसका एक नमूना विकासखंण्ड डौंडीलोहारा के ग्राम सेमरडीह में देखने को मिला है।
बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड में ग्राम सेमरडीह में शासकीय उचित मूल्य की दुकान का संचालन पिछले 16 वर्षों से महिला समूह के द्वारा किया जा रहा है । वर्तमान में समूह की अध्यक्ष के घर से ही उचित मूल्य की दुकान का संचालन किया जा रहा है। गांव वालों का कहना है कि समूह के द्वारा मात्रा दो दिन दुकान खोला जाता है । यदि कोई कार्डधारी इन दो दिनों में राशन नहीं ले पाया तो उसे उस माह का राशन नहीं दिया जाता है । समूह की अध्यक्ष की दबंगई के कारण गांव के लोग कुछ कहने को तैयार नहीं है ।


पंचायत चुनाव को करीब 9 माह से अधिक हो गए है लेकिन अबतक निगरानी समिति का चयन भी नहीं किया गया है ।
सामग्री वितरण से लेकर पैसे के लेनदेन तक इस समूह के द्वारा अनियमितता किया जा रहा है । समूह के द्वारा 20 रूपए किलो शक्कर एवं 50 रूपए लीटर मिट्टीतेल दिया जाता है । मिट्टीतेल का वितरण होने के पहले राशन कार्ड में एंट्री कर दिया जाता है । इस संबंध में समूह की अध्यक्ष का कहना की ग्रामीण चिल्हर लेकर नहीं आते इसलिए 20 रूपए किलो में शक्कर देती हूं , ताकि चिल्हर के लिए परेशानी न हो । मिट्टीतेल प्राप्ति की राशनकार्ड में पहले से एंट्री इसलिए कर दिया जाता है ताकि गांव वालो को बार बार कार्ड न लाना पड़े ।


नापतौल विभाग से समूह के द्वारा बाट की जाँच भी समय पर नहीं कराया जाता है । वर्तमान में वजनी बाट पर 2014 का सील लगा पाया गया ।


गावँ वालो का कहना है कि उन्हें दिया जाने वाला चावल का वजन कम होता है मौके पर हितग्राही को दिया गए चावल में 5 किलो काम पाया गया , इस पर समूह की अध्यक्ष कुंजा बाई का कहना है कि शासन से जो बोरी मिलती है हम उसी हो हितग्राही के बोरे में उलट देते है बोरे में ही शासन कम देती है इसलिए हितग्राही को भी कम मिलता है । चावल वजन उसी हितग्राही का किया जाता जिसे 50 किलो से कम चावल मिलता है ।
इस तरह समूह के द्वारा गावँ के लोगो के हकपर डाका डाला जा रहा है ।


इस संबंध में डौंडीलोहारा के एस डी एम के संज्ञान में लाया गया ,उन्होंने जाँच पश्चात उचित कार्यवाही की बात कही ।