शिक्षक वह दीपक है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है- पुष्पा चौधरी

बालोद।शिक्षक दिवस 2020 के इस शुभ अवसर पर दैनिक बालोद न्यूज़ के जरिए मटिया मिडिल स्कूल की शिक्षिका पुष्पा चौधरी ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा मेरा सभी शिक्षकों को सादर नमन एवं प्रणाम, शिक्षक दिवस ना केवल शिक्षकों के लिए गौरवशाली दिन है, अपितु सभी भारतीयों और समस्त लोगों के लिए गौरवशाली अवसर है। इस दिन को मनाने का मकसद हमें डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने दिया है। अपने जन्मदिन को एक शिक्षक के लिए समर्पित कर देने वाले महान शिक्षाविद शिक्षा शास्त्री एवं राजनीतिक पदों दर्शन शास्त्र के ज्ञाता के कर्मों को आत्मसात करने के लिए मनाते हैं ताकि हम अपने जीवन में उनके द्वारा किए गए शिक्षकीय कार्य एवं आदर्शों को आत्मसात करके अपने जीवन शैली में उतार सकें एवं लोगों को भी प्रेरित कर सकें। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा किए गए शिक्षकीय कार्य को पूरे संपूर्ण भारतवर्ष में शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं एवं उनके आदर्शों को संपूर्ण भारतवर्ष में शिक्षक देव तुल्य माने व पूजे जाते हैं। हम यदि इस दिन को मनाने का मकसद यदि मानते हैं तो उनके कर्मों और आदर्शो को आत्मसात करें तभी इस दिन को मनाने का मकसद पूर्ण हो सकता है।

5 सितंबर हमारे लिए अविस्मरणीय दिन होता है। जिससे हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं इसीलिए तो कहते हैं शिक्षक वह दीपक है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है और गुरु इस संसार में सर्वोपरि स्थान रखा गया है। अगर मां-बाप को प्रथम गुरु का श्रेय दिया जाता है तो अपने गुरु को जीवन शैली को कैसे सुधारा जाए, जीने की कला गुरु ही सिखाता है। यह कहावत यथार्थ सत्य ही है कि गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः। आज हम जिस मुकाम तक पहुंचे हैं और सफल हुए हैं वह एक गुरु के मार्गदर्शन का ही प्रतिफल है।जन्म देने वाले माता ,पिता जो जीवन के प्रथम गुरु तुल्य एवं कदम कदम पर हमें शिक्षा देने वाले गुरु को सादर नमन प्रणाम करती हूं।