तीज विशेष- सरपंच को है कोरोना ,गांव से बाहर मायके नहीं जा सकती महिलाएं, ना बेटियां आ रही इसलिए गांव की सभी बहुओं ने इस पीहर धाम में ही मनाई तीजा
बालोद। बालोद जिले के ग्राम टिकरी अर्जुन्दा में इस बार बेटियां नही सिर्फ गांव की बहुएं तीज मना रही है। ऐसा कोरोना काल के कारण हो रहा है। ज्ञात हो कि यहां एक पीहर धाम बनाया गया है। जो तिजहारिन महिलाओं की एकता की निशानी है। इस जगह पर बहू बेटियां मिलकर तीज मनाती आई है लगभग 3 साल से यहां तीज पर विशेष आयोजन होता आया है। लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते लक्ष्मण रेखा खींच दी गई है और बेटियां अपने मायके नहीं आ पा रही है तो गांव की बहुएं अपने मायके नहीं जा पा रही है। खतरा इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि गांव के सरपंच को ही कोरोना होने के चलते महिलाओं ने संयम का परिचय देते हुए तीज पर बाहर जाना बंद कर दिया है और गांव में ही रहकर तीज मना रही है। आज सुबह पीहर धाम में महिलाएं पूजा करने के लिए पहुंचेगी।
ऐसे हुई इस पीहर धाम की शुरुआत
टिकरी में पीहर धाम की शुरुआत 2017 से हुई है। लगभग 400 बहू बेटियों ने मिलकर इसे बनवाया है पूर्व सरपंच रितेश देवांगन ने बताया कि बहू बेटी , ननंद भाभी सभी मिलकर सामूहिक रूप से यहां तीजा मना सके इसलिए पीहर धाम का निर्माण किया गया है 3 साल पहले जब गांव में तीज उत्सव मनाया गया, गांव की बेटी अनुसूया बाई का निधन हो गया। उनके निधन की स्मृति में परिवार ने 51 हजार रुपए दान की और यहीं से पीहर धाम मनाने की नींव रखी गई। बहु बेटियों ने डेढ़ लाख रुपये चंदा इकट्ठा किया। तत्कालीन विधायक राजेन्द्र राय की निधि से भी ₹2 लाख मिलें, सब मिलाकर यहां पर पीहर धाम तैयार किया गया जो जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ में भाभी बहू ननंद बेटी के बीच सद्भावना व एकता की एक अनूठी मिसाल है।