अच्छी पहल- टॉपर बेटी की गरीबी के चलते रुक गई थी आगे की पढ़ाई, लोगों ने बढ़ाया हाथ, संसदीय सचिव ने भी की मदद, अब भरेगी नई उड़ान

दीपक यादव, बालोद। बालोद जिले में हायर सेकेंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा 2020 में जिले से टॉपर रही कुमारी लीना निवासी बिटाल डौंडी गरीबी के चलते आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रही थी। उनके भाई भावेश कुमार ने कलेक्टर को भी ज्ञापन देकर बहन की पढ़ाई के लिए मदद मांगी थी। 12वीं में लीना ने जिले में 91.6% अंकों के साथ टॉप किया है।

लेकिन गरीबी के चलते स्नातक नहीं कर पा रही थी। गरीबी के कारण प्रतिभा उभर नहीं पा रही थी। इसे देखते हुए कई लोगों ने हाथ बढ़ाना शुरू किया। रेड क्रॉस सोसाइटी ने इस बेटी की मदद की पहल शुरू की। जिसके बाद देखते-देखते मदद करने वालों के कतार लग गई। अलग-अलग लोगों ने इस बेटी की आर्थिक मदद कर पढ़ाई के लिए हौसला बढ़ाया तो वहीं बीते दिनों संसदीय सचिव व विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भी इस बेटी को अपने कार्यालय बुलाकर ₹11 हजार की आर्थिक मदद की।

विधायक व संसदीय सचिव ने बेटी का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि मन लगाकर पढ़ाई करिए और अपने माता-पिता के अलावा गांव और जिले का नाम रोशन करिए। आगे कभी भी कोई जरूरत हो तो बेहिचक बताइए।

जिले के टॉपर इस बेटी को महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय की ओर से भी रायपुर बुलाकर सम्मानित किया गया था लेकिन कहते हैं ना कि सम्मान से पेट नहीं भरता। जिंदगी में पैसों की भी कुछ अहमियत होती है और इन्हीं पैसों के अभाव के चलते इस प्रतिभाशाली बेटी की पढ़ाई अटक गई थी और उनका परिवार रोजी मजदूरी करने विवश है। लीना की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है इस कारण से उसकी शारीरिक क्षमता भी सामान्य से कम है। पिताजी वृद्धावस्था की ओर है। एक बड़ी बहन है वह भी आर्थिक समस्या के कारण स्वयं गांव में मजदूरी कर स्नातक की छात्रा के रूप में पढ़ाई कर रही है।

बड़ा भाई भी भावेश कुमार हायर सेकेंडरी में 82% अंकों के साथ उत्तीर्ण हुआ था लेकिन प्रतिभाशाली होने के बाद भी आर्थिक मजबूरी के चलते अपने सपने को तोड़ कर रोजी मजदूरी कर घर चला रहा है। इस वजह से 2018 में भी स्कूल के शिक्षकों ने लीना की पढ़ाई में आर्थिक सहयोग किया था तो अब आगे कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए वह बाहर रहने और स्कूल की फीस की व्यवस्था नहीं कर पा रही थी। जिसे देखते हुए लीना के भाई भावेश कुमार ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी। इस गुहार के बाद से कई लोग मदद के लिए सामने आए।

किसी ने व्यक्तिगत तो किसी ने सामूहिक रूप से मदद की। रेड क्रॉस सोसाइटी दल्ली राजहरा के चंद्रशेखर पवार ने बताया कि अगर बेटी का हौसला इसी तरह लोग मदद करके बढ़ाते रहें तो यह एक दिन एक बड़ी कामयाबी को छूकर दिखाएगी और यह सब के लिए गर्व की बात होगी।