जिले में बिना सरकारी आदेश के भगवान भी नहीं दे पाएंगे भक्तों को दर्शन! आज मंदिर खुलेगी या नहीं फैसला दोपहर 12 बजे तक
शासन से आई है गाइडलाइन पर जिले में कोरोनावायरस को देखते हुए जिला प्रशासन लेगा फैसला, जिले भर की मंदिर प्रबंधन को है आदेश का इंतजार
बालोद। ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी सरकारी आदेश के भरोसे मंदिर के दरवाजे खुलेंगे या नहीं इसका फैसला होगा। 22 मार्च से बंद मंदिरों के पट सरकारी आदेश का इंतजार कर रही है। तभी भगवान भी भक्तों को दर्शन दे पाएंगे। शासन ने भले ही 8 जून से मंदिरों के पट खोलने इसकी इजाजत दे दी है लेकिन जिले में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं ऐसे हालात में जिला प्रशासन के लिए भी चुनौती है कि वह किन शर्तों के साथ मंदिरों, मस्जिदों को खोलने की इजाजत दें। इसके लिए समीक्षा चल रही है और सोमवार को दोपहर तक इस बारे में फैसला सुनाया जा सकता है। अपर कलेक्टर एके वाजपेयी ने दैनिक बालोद न्यूज़ डॉट कॉम को बताया कि शासन से कुछ निर्देश तो आए हैं लेकिन जिले से अलग से आदेश जारी होगा क्योंकि यहां कई जगह कंटेनमेंट जोन घोषित हैं। जिला प्रशासन की ओर से अलग से गाइडलाइन जारी होगी। जो कि अभी तक नहीं हुई है। तो वहीं एसडीएम शिल्ली थॉमस ने भी कहा कि जिला प्रशासन की ओर से आदेश का इंतजार है। संभवतः सोमवार को दोपहर 12 बजे तक स्थिति स्पष्ट होगी कि मंदिर, मस्जिद, चर्च सहित अन्य धार्मिक स्थल खुलेंगे या नहीं?अगर खुलेंगे तो किन शर्तों पर खुलेंगे यह भी तय किया जाएगा।
हम भी हैं लगातार संपर्क में – प्रबंधक गंगा मैया मंदिर
गंगा मैया मंदिर समिति के प्रबंधक सोहन टावरी का कहना है कि हम भी लगातार जब से केंद्र सरकार की ओर से फैसला सोशल मीडिया व अखबारों में आया हैं अधिकारियों से मिलकर अनुमति के संबंध में चर्चा कर रहे हैं लेकिन अब तक स्थानीय प्रशासन से आदेश नही मिला है। इसलिए अभी भी मंदिर बंद रखे हुए हैं।